लखनऊ : उत्तर प्रदेश के सभी राजकीय, सहायता प्राप्त और निजी पॉलीटेक्निक कॉलेजों के कई कोर्स बंद किए जा रहे हैं. ये वो कोर्स हैं जिनमें न तो पर्याप्त संख्या में छात्रों के दाखिले हो रहे हैं और न ही प्लेसमेंट की व्यवस्था. प्राविधिक शिक्षा परिषद की ओर से इसके लिए बाकायदा एक समिति का गठन किया गया है. यह समिति पाठ्यक्रमों के संचालन को लेकर फैसला लेगी. नए शैक्षिक सत्र से यह व्यवस्था लागू की जानी है.
उत्तर प्रदेश में इस वक्त करीब 1350 पॉलीटेक्निक संस्थानों का संचालन हो रहा है. इनमें 150 सरकारी, 19 अनुदानित और 1206 निजी पॉलीटेक्निक शामिल हैं. प्राविधिक शिक्षा विशेषज्ञों के अनुसार पॉलीटेक्निक संस्थाओं में चलने वाले कोर्सो में से बहुत से कोर्स काफी पुराने हो गए हैं. उनका सिलेबस भी आधुनिक उद्योग जगत के अनुसार अपग्रेड नहीं है.
साथ ही पॉलीटेक्निक की वर्कशाप के उपकरण भी पुराने हो चुके हैं. लाइब्रेरी में आधुनिक तकनीक की जानकारी वाली किताबें भी उपलब्ध नहीं है. छात्रावास जीर्ण-शीर्ण हैं. इन सबको ध्यान में रखते हुए प्राविधिक शिक्षा विभाग ने प्रदेश की सभी पॉलीटेक्निक संस्थाओं का आधुनिकीकरण कर उनका शैक्षिक उन्नयन (अपग्रेड) करने की योजना तैयार की है. इसके लिए विभाग स्तर पर कई बैठकें हो चुकी है. इनमें पॉलीटेक्निक संस्थाओं का शैक्षिक स्तर ऊपर उठाने का खाका लगभग खींच लिया गया है. इसके लिए आठ सदस्यीय कमेटी भी बना दी गई है. यह कमेटी ही सभी पहलुओं का अध्ययन कर चरणबद्ध तरीके से बदलाव करेगी.