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धरती के भगवानः थ्रेशर में पिसी लड़की को 7 माह में 16 सर्जरी करके दिया नया जीवन - 16 बार डॉक्टरों ने साबरमती की सर्जरी की

लखनऊ के बलरामपुर हॉस्पिटल में थ्रेशर में फंसकर गंभीर रूप से घायल लड़की भर्ती हुई थी. बलरामपुर के डॉक्टरों ने 7 महीने के अथक परिश्रम और 16 सर्जरी के बाद लड़की को नया जीवन दिया है. लड़की के लिए अब ये डॉक्टर 'धरती के भगवान' से कम नहीं हैं.

बलरामपुर हॉस्पिटल के डॉक्टरों ने थ्रेसर में फंसकर घायल लड़की को दी नई जिंदगी.

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Published : Nov 16, 2019, 1:01 PM IST

Updated : Nov 16, 2019, 1:57 PM IST

लखनऊः राजधानी के बलरामपुर अस्पताल में डॉक्टरों की एक टीम ने अपने पेश में मिसाल पेश की है. थ्रेशर मशीन में फंसकर गंभीर रूप से घायल 19 वर्षीय लड़की का लगातार सात महीने तक इलाज किया. इस बीच उसके हर बड़े जख्मों को सर्जरी करके भर दिया और उसे नई जिंदगी दे दी. अस्पताल से घर लौटते वक्त लड़की ने चेहरे से मुस्कान देकर डॉक्टरों का आभार व्यक्त किया.

बलरामपुर हॉस्पिटल के डॉक्टरों ने थ्रेसर में फंसकर घायल लड़की को दी नई जिंदगी.

देवरिया के चौहान टोला के निवासी ओमप्रकाश की बेटी साबरमती चौहान 19 अप्रैल को थ्रेशर मशीन में काम कर रही थी. इसी बीच उसके बाल मशीन में फंस गए. मशीन उसे खींचती चली गई, जिससे बाल के साथ त्वचा (स्किन) भी उखड़ गई. सिर की हड्डियां दिखने लगीं. इस दुर्घटना में लड़की का सिर, मत्था समेत पीठ भी बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई.

घायल लड़की को 20 अप्रैल को देवरिया से गोरखपुर ट्रामा सेंटर रेफर किया गया. यहां हालत में सुधार नहीं हुआ तो लड़की को बलरामपुर हॉस्पिटल रेफर किया गया. बलरामपुर हॉस्पिटल में उसका प्लास्टिक सर्जरी विभाग में उपचार शुरू हुआ. यहां लड़की के इलाज के लिए डॉक्टरों की एक टीम बनाई गई.

मरीज की सर्जरी कई बार की गई. मरीज की छाती में सबसे पहले इंटरकोस्टल ड्रेनेज ट्यूब डाली गई. ये ट्यूब 15-20 दिन बाद निकाली गई. इसके बाद उसके स्कल पर काम करना शुरू किया गया. ऑक्सीजन ऑफ द टेबल ऑफ स्कूल की 5 से 7 बार सेटिंग दी गई. पीठ में गंभीर घाव थे, उन्हें भरने के लिए लगभग 7 बार सर्जरी की गई. इस तरह कम से कम 16 बार डॉक्टरों ने साबरमती की सर्जरी की. इसमें उनके साथ 4 डॉक्टरों की टीम थी. डॉक्टरों ने उसकी सर्जरी खत्म करके एक महीना तक अपनी देख-रेख में रखा. उन्हें मरीज पूरी तरह स्वस्थ मिली. साबरमती के इलाज में 7 महीने का समय लगा.
- डॉ राजीव लोचन, सर्जरी टीम प्रमुख व अस्पताल निदेशक

Last Updated : Nov 16, 2019, 1:57 PM IST

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