लखनऊ : उत्तर प्रदेश की योगी सरकार उत्तर प्रदेश में बिजली व्यवस्था के ढांचे में परिवर्तन करने जा रही है. केंद्र और राज्य सरकार की पुनरोत्थान वितरण क्षेत्र योजना (रिवैंप), जिसमें प्रदेश सरकार की 60 फीसदी की हिस्सेदारी है, को जल्द से जल्द धरातल पर उतारने के लिए अधिकारियों को मिशन मोड में काम करने के लिए कह दिया गया है. उपभोक्ताओं को निर्बाध व सुरक्षित बिजली आपूर्ति देने के लिए प्रदेश सरकार ने सभी डिस्काम को जल्द से जल्द कार्ययोजना बनाकर काम शुरू करने का निर्देश दिया है.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) की ओर से स्पष्ट निर्देश हैं कि काम में तेजी लाने और वर्तमान बिजली व्यवस्था के ढांचे में बदलाव का ब्लूप्रिंट शीघ्र तैयार कर लिया जाए. उत्तर प्रदेश में अभी तकरीबन तीन करोड़ बिजली उपभोक्ता हैं. मुख्यमंत्री की ओर से कह दिया गया है कि हरहाल में अगली गर्मी से पहले प्रदेश के सभी बिजली उपभोक्ताओं को निर्बाध बिजली आपूर्ति प्रदान करने के लिए मजबूत स्ट्रक्चर खड़ा करने के लिए अभी से रणनीति बनाकर काम शुरू किया जाए. जिससे इस साल की गर्मियों जैसी स्थिति का सामना ना करना पड़े.
उत्तर प्रदेश पॉवर कॉरपोरेशन के चेयरमैन एम. देवराज (Uttar Pradesh Power Corporation chairman M. Devraj) के अनुसार रिवैंप योजना के तहत प्रदेश के कई जिलों में टेंडरिंग की प्रक्रिया को पूरा कर लिया गया है. योजना को पूरी तरह से मूर्त रूप देने के लिए 2024-25 की डेडलाइन तय की गई है. उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से इसके लिए पांच हजार करोड़ रुपए के बजट की व्यवस्था की गई है. इस योजना में एग्रीगेट टेक्निकल एंड कॉमर्शियल लॉस (एटी एंड सी) को 12-15 फीसद तक लाना भी शामिल है. इसके अलावा एवरेज कॉस्ट सप्लाई और एवरेज रेवेंन्यू रिलाइजेशन को भी जीरो करना है.