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गंगा एक्सप्रेस-वे का जून में होगा शिलान्यास, 594 किमी होगी लम्बाई

अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से गंगा एक्सप्रेस-वे परियोजना को लेकर समीक्षा बैठक की. इस दौरान अवनीश अवस्थी ने भूमि अधिग्रहण से संबंधित सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिए. इस दौरान उन्होंने बताया कि गंगा एक्सप्रेस-वे परियोजना का शिलान्यास माह जून 2021 में होगा.

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Published : Dec 6, 2020, 1:55 AM IST

गंगा एक्सप्रेस-वे का जून में होगा शिलान्यास
गंगा एक्सप्रेस-वे का जून में होगा शिलान्यास

लखनऊ: अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी ने गंगा एक्सप्रेस-वे परियोजना के कार्यान्वयन के संबंध वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से भूमि अधिग्रहण से संबंधित सभी जिलाधिकारियों के साथ 5 दिसम्बर को समीक्षा बैठक की. यह एक्सप्रेस-वे मेरठ से प्रयागराज तक प्रस्तावित है.

गंगा एक्सप्रेस-वे मेरठ से प्रयागराज जुड़ेगा सीधे
गंगा एक्सप्रेसवे परियोजना उत्तर प्रदेश सरकार की महत्वाकांक्षी परियोजना है. यह परियोजना जनपद मेरठ से प्रारम्भ होकर बुलंदशहर, हापुड़, अमरोहा, सम्भल, बदायूं, शाहजहांपुर, हरदोई, उन्नाव, रायबरेली, प्रतापगढ़ से होते हुए प्रयागराज तक 594 किमी लम्बाई की होगी. गंगा एक्सप्रेस-वे परियोजना 12 जिलों की 30 तहसीलों से होकर निकलेगी.

जून 2021 में होगा शिलान्यास
इस महत्वकांक्षी परियोजना का शिलान्यास माह जून 2021 में कराया जाना प्रस्तावित है. बैठक में अवनीश अवस्थीने बताया कि यूपीडा के पत्र के साथ परामर्शी से उपलब्ध कराए गए भू-अभिलेखों की 3 प्रतियां जनपदों में उपलब्ध कराई जाएंगी, इसमें 1 प्रति जिला मुख्यालय, 1 प्रति संबंधित तहसील में और 1 प्रति संबंधित लेखपाल को जिलाधिकारी द्वारा उपलब्ध कराई जाएगी. इसके साथ ही अवस्थी ने यह भी निर्देश दिए कि अभिलेख प्राप्त होने के तुरंत बाद तहसील कर्मचारी या अधिकारी अभिलेखीय और स्थलीय सत्यापन अनिवार्य रुप से करेंगे. इसके बाद जो भी प्रस्ताव जिला समिति द्वारा तैयार किया जाए, उसका अनुमोदन मण्डलायुक्त से कराकर यूपीडा को भेजा जाए. इसके अलावा भूमि अधिग्रहण गंगा एक्सप्रेस-वे के नाम से एक ग्रुप बनाया गया है, जिसमें जनपद तथा शासन एवं यूपीडा के संबंधित सभी अधिकारी या कर्मचारी जुड़े होंगे. इस ग्रुप के माध्यम से प्रतिदिन सूचनाओं का आदान-प्रदान और उनका समयबद्ध अनुपालन सुनिश्चित कराने के निर्देश दिए गए.

परियोजना के लिए 36410 करोड़ का सैद्धांतिक अनुमोदन है प्राप्त
अवनीश अवस्थी ने सभी को निर्देशित करते हुए कहा कि 4-4 जिलों के राजस्व निरीक्षक, नायब तहसीलदार, तहसीलदार, एसडीएम, एडीएम स्तर तक के अधिकारियों को राजधानी यूपीडा मुख्यालय में बैठक के लिए बुलाया जाएगा. उनको आवश्यक सामग्री यथा सुसंगत शासनादेश अधिग्रहण से संबंधित अधिनियम एवं नियमावली उपलब्ध कराई जाएगी.

गौरतलब है कि गंगा एक्सप्रेस-वे के कैबिनेट की सैद्धान्तिक सहमति प्राप्त हो चुकी है तथा इसका डीपीआर तैयार कर शासन को अनुमोदन प्रेषित किया जा चुका है. अवस्थी ने यह भी बताया गया कि गंगा एक्सप्रेसवे परियोजना के लिए प्रस्तावित जनपदवार संरेखण का अनुमोदन परियोजना के लिए अनुमानित लागत 36410 करोड़ का सैद्धान्तिक अनुमोदन प्राप्त हो चुका है, जिसमें समस्त गुणवत्ता को ध्यान में रखकर 12 पैकेजों में विभक्त कर गंगा एक्सप्रेसवे का निर्माण कार्य होगा. परियोजना के सिविल निर्माण की लागत 26356 करोड़ रुपये अनुमानित है.

594 किमी लम्बा होगा गंगा एक्सप्रेस-वे
गौरतलब है कि प्रदेश की सबसे लम्बी गंगा एक्सप्रेस-वे की कुल प्रस्तावित लम्बाई 594 किमी है, जिसका प्रारम्भिक बिन्दु मेरठ-बुलन्दशहर मार्ग (राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-334) से जनपद प्रयागराज बाइपास (राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-19) पर जनपद प्रयागराज के जुडापुर दांदू ग्राम पर समाप्त होगा. गंगा एक्सप्रेस-वे प्रदेश के 12 जनपदों होकर गुजरेगा, जिसमें मेरठ, हापुड़, बुलन्दशहर, अमरोहा, सम्भल, बदायूं, शाहजहांपुर, हरदोई, उन्नाव, रायबरेली, प्रतापगढ़ एवं प्रयागराज जनपद शामिल है.

बैठक में 9 जनपदों जिलाधिकारी हुए शामिल
इस वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में संबंधित 9 जनपदों के जिलाधिकारी व 3 जनपदों मेरठ, हापुड़, रायबरेली के जिलाधिकारियों के प्रतिनिधि के अलावा यूपीडा के अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी,श्रीशचन्द्र वर्मा, सहित यूपीडा के वरिष्ठ अधिकारीगण भी मौजूद थे.

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