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राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 को लेकर गठित टास्क फोर्स की पांचवीं बैठक हुई सम्पन्न - लखनऊ ताजा खबर

नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 को को लेकर डिप्टी सीएम डॉ. दिनेश शर्मा की अध्यक्षता में गठित टास्क फोर्स की पांचवीं बैठक सोमवार को विधानसभा स्थित कार्यालय संख्या 80 में बैठक आयोजित की गई. इस बैठक में उच्च शिक्षा विभाग, माध्यमिक शिक्षा विभाग, प्राविधिक शिक्षा, व्यवसायिक शिक्षा विभाग तथा बेसिक शिक्षा शिक्षा विभाग द्वारा नई शिक्षा नीति के क्रियान्वयन के दिशा में चर्चा की गई.

राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 को लेकर गठित टास्क फोर्स की पांचवीं बैठक हुई सम्पन्न
राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 को लेकर गठित टास्क फोर्स की पांचवीं बैठक हुई सम्पन्न

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Published : Jan 5, 2021, 1:25 AM IST

लखनऊ: राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 को समग्र रूप से प्रदेश के शिक्षण संस्थाओं में क्रियान्वयन हेतु डिप्टी सीएम डॉ. दिनेश शर्मा की अध्यक्षता में गठित टास्क फोर्स की पांचवीं बैठक सोमवार को विधानसभा स्थित कार्यालय संख्या 80 में बैठक आयोजित की गई. बैठक में उच्च शिक्षा विभाग, माध्यमिक शिक्षा विभाग, प्राविधिक शिक्षा, व्यवसायिक शिक्षा विभाग तथा बेसिक शिक्षा शिक्षा विभाग द्वारा नई शिक्षा नीति के क्रियान्वयन के दिशा में किए गए प्रयासों की कार्ययोजना प्रस्तुत की गई. बैठक में उत्तर प्रदेश में राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वयन में किए जाने की दिशा में विभिन्न बिंदुओं पर विचार विमर्श किया गया. बैठक में बेसिक शिक्षा, माध्यमिक शिक्षा, प्राविधिक शिक्षा, व्यावसायिक शिक्षा तथा उच्च शिक्षा विभाग द्वारा राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के क्रियान्वयन की दिशा में कृत कार्रवाई की 150 पृष्ठ की संकलित रिपोर्ट भी प्रस्तुत की गई.

नई शिक्षा नीति को पारदर्शी ढंग से लागू किया जाए
उपमुख्यमंत्री तथा टास्क फोर्स के अध्यक्ष डॉ. दिनेश शर्मा ने बैठक में कहा कि नई शिक्षा नीति 2020 के प्रदेश में क्रियान्वयन के संबंध में गठित टास्क फोर्स का मूल मंत्र है कि नई शिक्षा नीति निचले स्तर तक किस प्रकार से सही एवं पारदर्शी ढंग से लागू किया जा सके, जिससे इसका लाभ सीधे छात्रों को भविष्य में मिल सके. उन्होंने कहा कि प्रदेश में डिजिटल लाइब्रेरी को प्रारंभ किया गया है. शिक्षा को रोजगार के साथ जोड़ने के लिए लघु उद्योग विभाग एवं अन्य विभागों के साथ एमओयू भी किया जा रहा है.

अब तक 30 बैठकों का किया गया आयोजन
अपर मुख्य सचिव उच्च शिक्षा मोनिका एस गर्ग द्वारा इस अवसर पर अवगत कराया गया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वयन हेतु गठित स्टीयरिंग कमेटी द्वारा अब तक 30 बैठकों का आयोजन किया जा चुका है. श्रीमती गर्ग ने इस अवसर पर राष्ट्रीय शिक्षा नीति की प्रक्रियात्मक ढ़ाचा, शिक्षा में तकनीक का प्रयोग, पाठ्यक्रम निमार्ण कार्य, स्नातक एवं स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम की संरचना, पाठ्यक्रम निधार्रण की समयावधि, कौशल विकास एवं व्यवासायिक शिक्षा के साथ समन्वय, शोध एवं अनुसंधान, भारतीय भाषाओं का प्रोत्साहन हेतु प्रदेश में सेन्टर ऑफ एक्सीलेन्स एवं भाषा केंद्रों की स्थापना, उत्तर प्रदेश की संस्कृत धरोहर, परम्पराएं एवं लोक कला तथा उच्च शिक्षा के क्षेत्र में अद्यतन कार्रवाई का विवरण प्रस्तुत किया.

डिजिटल लाइब्रेरी में 72,700 ई- कंटेंट किए जा चुके अपलोड
उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश उच्च शिक्षा डिजिटल लाइब्रेरी पर अब तक 72,700 ई- कंटेंट अपलोड किए जा चुके हैं. उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के उद्देश्यों के अनुरूप प्रथम फेज में स्नातक स्तर के मुख्य विषयों का पाठ्यक्रम तैयार कर लिया गया है. अन्य पाठ्यक्रमों को तैयार किया जा रहा है. गर्ग ने बताया कि शिक्षकों को शोध एवं अनुसंधान के लिए प्रेरित करने के उद्देश्य से रिसर्च एंड डेवलपमेंट पॉलिसी घोषित की गई है. शोध हेतु राष्ट्रीय एवं वैश्विक प्राथमिकता के तथा समकालीन विषयों को प्राथमिकता दी जाएगी.

महानिदेशक स्कूल शिक्षा विजय किरण आनंद ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के क्रियान्वयन के संबंध में बेसिक शिक्षा विभाग की कार्य योजना प्रस्तुत करते हुए बताया कि विद्यालय पुनः खुलने के पश्चात प्रत्येक कक्षा में बुनियादी भाषा एवं गणितीय ज्ञान के लिए प्रेरणा लक्ष्य और प्रेरणा सूची का प्रदर्शन तथा छात्र प्रगति का अधिगम-परिणाम आधारित वास्तविक समय में अनुश्रवण करने के लिए प्रेरणा तालिका का उपयोग किया जाएगा. उन्होंने बताया कि शिक्षण अधिगम क्रिया के दौरान सभी शिक्षकों की मदद के लिए आधारशिला ध्यानाकर्षण एवं शिक्षा संग्रह दिया गया है. प्रत्येक शिक्षक को शिक्षण के लिए आधारशिला क्रियान्वयन संदर्शिका उपलब्ध कराई गई है.

दीक्षा पर पाठ्य पुस्तकें की जा रही अपलोड
उन्होंने बताया कि शिक्षकों की मदद के लिए प्रत्येक न्याय पंचायत पर 5 शिक्षक संकुल का ओरियंटेशन एवं प्रशिक्षण दिया गया. सभी छात्रों के उपयोग के लिए दीक्षा पर पाठ्य पुस्तकें अपलोड की जा रही हैं. समर्थ व्यवस्था में दिव्यांग छात्रों को ऑनलाइन ट्रैक किया गया. जरूरी सहायता और उपकरण प्रदान की जाने की व्यवस्था की गई है. विद्यालय से बाहर रह गए बच्चों को शारदा प्रणाली के माध्यम से पहचानने और निगरानी की व्यवस्था की गई है.

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