लखनऊःवन विभाग में नौकरी दिलाने के नाम पर बेरोजगार युवकों को ठग कर पैसा ऐंठने एवं फर्जी दस्तावेजों के आधार पर फर्जी नियुक्ति पत्र देने के आरोपी अरविंद यादव की जमानत अर्जी को भ्रष्टाचार निवारण के विशेष न्यायाधीश विनय कुमार सिंह ने खारिज कर दिया है.
जमानत अर्जी का विरोध करते हुए सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता ज्वाला प्रसाद शर्मा ने तर्क दिया कि इस घटना की रिपोर्ट वादी रामगोपाल तिवारी ने 2 अगस्त 2021 को हजरतगंज थाने में दर्ज कराई थी. रिपोर्ट में बताया गया कि वादी मेट्रो में सुपरवाइजर है और आनंद सिंह गार्ड का काम करता है.
2019 में आनंद सिंह ने बताया कि उसकी नौकरी गोरखपुर में वन दरोगा के पद पर लग गई है तथा मीनाक्षी की वन विभाग में कार्यालय सहायक के पद पर लगी है. आनंद की बात पर विश्वास करके वादी ने अपने पुत्र उत्तम व अन्य लोगो को वन विभाग में नौकरी दिलाने के लिए आरोपी शिवम और आनंद को पैसे दे दिए लेकिन नौकरी नही लगी. इस मामले में विवेचना के दौरान पता चला कि आरोपी अरविंद यादव इस गैंग का मास्टरमाइंड है, जिसके द्वारा इस प्रकार के बेरोजगार युवाओं को बहला-फुसलाकर उन्हें नौकरी का लालच देकर पैसे की उगाही की जाती है. अदालत ने अपने आदेश में अभियुक्त की जमानत खारिज करते हुए कहा है कि अभियुक्त का कृत्य गंभीर है.
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