लखनऊ : थाईलैंड से सात लाख रुपये में कॉल गर्ल को बुलाने वाला अय्याश रईसजादा राष्ट्रीय पार्टी के बड़े नेता व बिल्डर का बेटा तो नहीं है? सत्ता के गलियारे, मीडिया हाउस से लेकर सरकारी दफ्तरों और ब्यूरोक्रेट्स में सब जगह इसी की चर्चा हो रही है. पार्टी के प्रवक्ताओं को जैसे सांप सूंघ गया हो. वे कुछ बोलने को तैयार नहीं हैं. पुलिस भी पूरे मामले की लीपापोती में जुटी हुई है. पुलिस व्यापारी के बेटे के नाम का खुलासा करने की बजाय सफाई देती रही कि युवती के परिवारीजनों की सहमति से शव का अंतिम संस्कार कराया गया. इस मामले में कोई एफआईआर दर्ज नहीं है और न ही किसी ने कोई भी आरोप लगाया है.
सूत्रों का दावा है कि माननीय का बेटा थाई लड़कियों को बेहद पसंद करता है. इसके लिए वह प्रतिमाह मोटी रकम खर्च करता है. उसके नजदीकियों का दावा है कि हाल ही में उसने लखनऊ के एजेंट व राजस्थान के एक ट्रेवल एजेंसी के एजेंट के जरिये 30 लाख रुपये में थाईलैंड से दो थाई लड़कियों को लखनऊ बुलवाया था. दोनों लड़कियां लखनऊ में करीब 15 दिन रहीं. रईसजादा अक्सर थाईलैंड व बैंकाक भी जाता है. वह वहां 15-15 दिन ठहरता है.
लखनऊ के मशहूर स्पा में काम कर चुकी मृतक लड़की
सूत्रों की मानें तो मृतक लड़की इससे पहले भी लखनऊ आ चुकी थी. रईसजादे युवक ने ही उसे एक मशहूर स्पा में नौकरी पर रखवाया था. चार महीने काम करने के बाद वह थाईलैंड लौट गई. इस दौरान वह लगातार लखनऊ के एजेंट व शहजादे युवक के संपर्क में थी. कोरोना की दूसरी लहर में लॉकडाउन होने की वजह से रईसजादे ने उसे लखनऊ बुलवाया.
टूरिस्ट वीजा पर लखनऊ आई थी थाई युवती
टूरिस्ट वीजा पर लखनऊ आई थाईलैंड की एक युवती (30) की कोरोना संक्रमित होने की वजह से राम मनोहर लोहिया अस्पताल में तीन मई को मौत हो गई थी. अस्पताल से सूचना पर विभूतिखंड पुलिस ने जिला प्रशासन को सूचना दी और उसका पंचनामा भरा. एलआईयू से पासपोर्ट मिला, जिससे उसके थाईलैंड के पते की जानकारी मिली. थाईलैंड दूतावास से अनुमति मिलने के बाद जिला प्रशासन ने पांच मई को उसका बैकुंठ धाम में अंतिम संस्कार करा दिया. अंतिम संस्कार का सजीव वीडियो प्रसारण थाईलैंड में उसके परिवार ने भी देखा. दूतावास के कहने पर ही उसकी अस्थियां उसके गाइड सुलतानपुर निवासी सलमान को दे दी गई.
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पुलिस कमिश्नर डीके ठाकुर ने बताया कि इस बारे में दूतावास को डीसीपी और जिला प्रशासन के जरिये सूचना दे दी गई थी. इस मामले में कोई एफआईआर नहीं है और न ही किसी ने कोई भी आरोप लगाया है. एडीसीपी पूर्वी एसएम कासिम ने बताया कि वह तीन महीने के टूरिस्ट वीजा पर भारत आई थी. मार्च में बना यह वीजा जून तक वैध है.