लखनऊ:राजधानी में थाईलैंड की स्पा गर्ल की मौत के बाद अब लखनऊ पुलिस कमिश्नरेट सिर्फ जांच का नाटक कर रही है. पुलिस अभी तक इस बात का भी सुराग नहीं लगा पाई की थाई गर्ल किराए के मकान में या फिर किसी होटल में रुकी थी, जबकि उसका असली ठिकाना थाई स्पा से कुछ दूर गोमतीनगर के विराजखंड स्थित जिंजर होटल था, जिस वक्त पुलिस हुसैनगंज और छितवापुर की गलियों में युवती के किराए का मकान तलाशने का नाटक कर रही थी, इंटेलीजेंस ब्यूरो की एक टीम जिंजर होटल के स्टाफ से पूछताछ करके लड़की और उससे जुड़े लोगों की कुंडली खंगाल चुकी थी.
इंटेलीजेंस की जांच में सामने आया कि थाई गर्ल 2010 से मसाज एक्सपर्ट के तौर पर इंडिया आ रही थी. वह हर बार बिजनेस वीजा पर आती थी और विभूतिखंड के जिंजर होटल में ठहरती थी. यहीं पर वह मिलने वालों को भी बुलाती थी. पुलिस के दावों से इतर आईबी की जांच में पता चला कि इस बार युवती 30 मार्च को दिल्ली पहुंची थी. 31 को वह लखनऊ आयी और फिर वापस दिल्ली लौट गई. इसके बाद उसके फोन की लोकेशन 28 अप्रैल को जिंजर होटल में मिली.
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मोबाइल स्विच ऑफ करने से नहीं मिल रही थी ट्रैवल हिस्ट्री
माना जा रहा है कि 2 अप्रैल से 28 अप्रैल के बीच उसने फोन बंद रखा, जिसकी वजह से इस दौरान की उसकी ट्रैवल हिस्ट्री नहीं पता चल पा रही है. 28 को ही उसने जिंजर होटल से चेक आउट किया और लोहिया अस्पताल गयी, जहां 3 मई को उसकी मौत हो गयी. आईबी पता लगाने में जुटी है कि 2 से 28 अप्रैल के बीच युवती की किन-किन लोगों से किस लिए मुलाकात हुई.
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थाई लड़कियों से मिलेगा परिचितों का सुराग
आईबी के सूत्रों का कहना है कि लखनऊ और दिल्ली के स्पा सेंटरों में काम करने वाली दर्जनों थाई लड़कियां युवती के जान पहचान की हैं. इनमें सबसे करीबी लड़की का पता लगाया जा रहा है जो उसकी परिचितों और मिलने वालों की जानकारी दे सके. आईबी को अभी तक युवती का मोबाइल फोन नहीं मिला है. पुलिस से फोन लेकर टीम इसके जरिये भी उसके करीबियों का सुराग तलाश करेगी.
एफआईआर में नाम तो है पर पहचान अज्ञात
सपा प्रवक्ता आईपी सिंह ने बीजेपी सांसद संजय सेठ के बेटे पर थाईलैंड की इस लड़की को लखनऊ बुलाने का आरोप लगाया था. उन्होंने अपने ट्वीटर हैंडल से ट्वीट करके संजय सेठ के बेटे पर सवाल उठाए थे. इसके बाद इसे लेकर कई ट्वीट सामने आए. इस पर संजय सेठ ने पुलिस कमिश्नर को तहरीर दी, जिस पर शनिवार को आईपी सिंह, रामदत्त तिवारी और महेंद्र के खिलाफ गौतमपल्ली थाने में केस दर्ज कर लिया गया. लेकिन एफआईआर दर्ज करने में भी पुलिस ने खेल कर दिया. सपा प्रवक्ता के जिस ट्वीट के आधार पर केस हुआ, उससे पुलिस आरोपी की पहचान नहीं कर पा रही है.
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गौतमपल्ली इंस्पेक्टर का कहना है कि एफआईआर में आरोपियों के केवल नाम लिखे हैं. उनकी पहचान अज्ञात है. इसलिए सपा प्रवक्ता या इनके साथ शामिल अन्य लोगों पर सीधे कार्रवाई नहीं की जा सकती है.