लखनऊ : राजधानी स्थित डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी अस्पताल (सिविल) में एक्स-रे करने वाली दोनों मशीनें बीते एक सप्ताह से खराब हैं. इसकी मरम्मत के लिए अधिकृत कंपनी साइरेक्स हेल्थ केयर को कई बार सूचित किया गया है, लेकिन मशीनें ठीक नहीं हुई हैं. जांच उपकरणों का समय पर ठीक न होना, इकलौता मामला नहीं है. अस्पताल प्रशासन की शिकायत है कि अक्सर जांच उपकरण खराब हो जाते हैं, जिसकी वजह से मरीजों को कई-कई दिनों तक दिक्कतें उठानी पड़ती हैं.
साइरेक्स कंपनी में लखनऊ मंडल प्रबन्धक फैज ने बताया कि "सिविल में एक कंपनी की डिजिटल मशीन है. कंपनी को मूल्य दिया जा चुका है. वितरक के पास पार्ट्स नहीं हैं, कोरिया से मंगाए जा रहे हैं, हालांकि अस्पताल को बैकअप में दूसरी मशीन उपलब्ध करा दी गई है."
साइरेक्स कंपनी के राज्य प्रबन्धक प्रशांत ने बताया कि "क्रिटिकल केयर में उपयोग होने वाले उपकरणों को 48 घंटे में और अन्य उपकरणों को ठीक करने की अधिकतम समय सीमा सात दिन की है. इसके बाद सरकार द्वारा आर्थिक जुर्माना लगाया जाता है." उन्होंने बताया कि "निर्माता कंपनी के वितरक के पास उपकरण न मिलने की वजह से अक्सर दिक्कतें आती हैं, कोशिश होती है कि जल्दी से उपकरण ठीक हो जाए."
उन्होंने बताया कि "अस्पताल में उपकरण खराब होने की दशा में अस्पताल प्रशासन को सूचित किया जाता है. अस्पताल प्रशासन मरम्मत करने वाली कंपनी द्वारा उपलब्ध कराए गए टोल फ्री नं-18002700129 और पोर्टल पर सूचना दर्ज कराता है. अगले दिन कंपनी का प्रतिनिधि उपकरण की जांच कर, जरूरत के पार्ट्स की डिमांड कंपनी वितरक से करता है. पार्ट्स उपलब्ध होने पर सात दिन के अंदर उपकरण ठीक हो जाते हैं, अन्यथा समय लगना स्वाभाविक है. सरकारी अस्पतालों की पैथोलॉजी में खून की जांच करने का जिम्मा पीओसीटी ग्रुप के पास है. मशीन और जांच के दौरान उपयोग होने वाले रीजेंट की व्यवस्था खुद पीओसीटी करता है. मगर, उपकरण के खराब होने पर मरम्मत करने की जिम्मेदारी साइरेक्स हेल्थ केयर कंपनी को मिली है."
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