लखनऊ :प्रदेश मे पिछले काफी वक्त से महिला आयोग के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष समेत सभी 25 सदस्यों के पद खाली हैं. 25 सदस्यों वाले आयोग में मौजूदा समय एक भी सदस्य अपनी कुर्सी पर नहीं है. बीते 6 नवंबर तक केवल चार सदस्य ही अपनी कुर्सी पर थे. इसके बाद 6 नवंबर को उन चार सदस्यों की भी कुर्सी खाली हो गई. इसी वजह यूपी के पूरे महिला आयोग में सन्नाटा है. फिलहाल महिला आयोग की निवर्तमान अध्यक्ष विमला बाथम (Outgoing President Vimla Batham) ने कहा कि अभी उन्हें भी नहीं पता है कि इस पद पर वह दोबारा आएंगी या नहीं. इसका फैसला शासन करेगा. राज्य महिला आयोग में पिछले एक महीने से 632 केस आए हैं. इनमें दहेज उत्पीड़न, अत्याचार, घरेलू हिंसा और छेड़छाड़ के मामले दर्ज हुए हैं, लेकिन एक भी मामले में अभी कोई कार्रवाई नहीं हुई है.
बता दें, महिलाओं की उत्पीड़न संबंधी शिकायतों के निपटारे और महिलाओं के हित को ध्यान में रखते हुए सरकार को सलाह देने के उद्देश्य से राज्य महिला आयोग का गठन होता है. हालांकि मौजूदा समय में सरकार के पास महिला आयोग नहीं है. मौजूदा समय में तमाम महिलाओं के साथ होने वाली अपराधिक घटनाओं को ध्यान में रखते हुए सरकारी मशीनरी जिस तरह सवालों के घेरे में है. उसमें महिला आयोग की भूमिका बड़ी हो सकती है, लेकिन आयोग में अध्यक्ष और सदस्यों के न होने पर महिला अपराध पर पूरी तरह से माॅनेट्रिंग नही हो पा रही है.