लखनऊ : रिश्तेदारी में जाने के दौरान पुरानी रंजिश के चलते रास्ते में गोली मारकर हत्या करने का प्रयास करने के आरोपी भगत, ज्ञान सिंह व अमर सिंह को दोषी करार देते हुए एडीजे पुष्कर उपाध्याय (ADJ Pushkar Upadhyay) ने दस-दस वर्ष के कठोर कारावास व दस-दस हजार रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई है.
जानलेवा हमले के तीन आरोपियों को दस-दस साल का कारावास, 16 साल बाद आया फैसला
रिश्तेदारी में जाने के दौरान पुरानी रंजिश के चलते रास्ते में गोली मारकर हत्या करने का प्रयास करने के आरोपी भगत, ज्ञान सिंह व अमर सिंह को दोषी करार देते हुए एडीजे पुष्कर उपाध्याय ने दस-दस वर्ष के कठोर कारावास व दस-दस हजार रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई है.
कोर्ट में सरकारी वकील कृष्ण कुमार साहू एवं आनंद दुबे (Public Prosecutor Krishna Kumar Sahu and Anand Dubey) ने बताया की इस घटना की रिपोर्ट वादी धर्मेंद्र कुमार ने थाना सरोजनीनगर में दर्ज कराई थी. जिसमें कहा गया था कि वादी 11 नवंबर 2006 को अपने चाचा रामदत्त के साथ ग्राम सरवरनगर में रिश्तेदारी में आया था. आरोप है कि पुरानी रंजिश को लेकर गांव के ज्ञान सिंह, अमर सिंह, भगत और संजीत ने बिजनौर बाजार में वादी के चाचा रामदत्त को पीछे से गोली मार दी, जिससे वह घायल हो गए. बहस के दौरान कहा गया कि अभियुक्त द्वारा गोली मारने से चोटल की जान भी जा सकती थी. कोर्ट ने कहा है कि पत्रावली पर मौजूद साक्ष्य को देखते हुए आरोपी के विरुद्ध आरोप सही पाया जाता है. अदालत ने कहा है कि अभियुक्त द्वारा अर्थदंड की धनराशि जमा न करने पर उसे अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा.
फर्जी महिला खड़ा कर करवा लिया था बैनामा, जमानत खारिज : फर्जी महिला खड़ा करके दूसरे की जमीन का बैनामा करने और उस जमीन को किसी अन्य को बेचने के आरोपी देवेंद्र कुमार की जमानत अर्ज़ी को सत्र अदालत ने ख़ारिज कर दी है. कोर्ट में सरकारी वकील अरुण पांडेय (Government Advocate Arun Pandey) ने बताया कि वादिनी शांती देवी ने नगराम में 21 सितंबर 2021 को रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि उसकी जमीन को गवाहों की मिलीभगत से आरोपी देवेंद्र ने वादिनी की जगह फर्जी महिला खड़ी करके 23 फ़रवरी 2019 को अपने नाम बैनामा करा लिया और उस जमीन को बाद में हाईटेक सिटी को बेच दिया.
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