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यूपी दिवस पर दिखेगा धार्मिक और पर्यटन स्थलों का विकास

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Published : Jan 24, 2021, 1:02 AM IST

उत्तर प्रदेश की स्थापना 24 जनवरी 1950 को हुई थी. राज्य की वर्तमान सरकार ने वर्ष 2018 से यूपी दिवस मनाना शुरू किया. इस मौके पर कई कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं. इस बार लखनऊ के साथ-साथ नोएडा में भी दस दिवसीय राज्य स्तरीय कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे. इसके अलावा प्रदेश के अन्य जनपदों में भी तीन दिवसीय समारोह का आयोजन किया जाएगा.

foundation day of uttar pradesh
उत्तर प्रदेश दिवस.

लखनऊ : उत्तर प्रदेश सरकार 24 जनवरी से राजधानी लखनऊ के शिल्पग्राम में यूपी दिवस समारोह आयोजित कर रही है. सबसे खास बात यह है कि इस बार यूपी दिवस लखनऊ के साथ-साथ नोएडा में भी राज्य स्तरीय आयोजित किया जाएगा. इसके साथ ही प्रदेश के अन्य जनपदों में तीन दिवसीय यूपी दिवस समारोह मनाया जाएगा. लखनऊ और नोएडा में 10 दिनों तक यूपी दिवस मनाया जाएगा. यूपी दिवस के माध्यम से प्रदेश की जनता को प्रदर्शनी और झांकियों के माध्यम से सरकार की उपलब्धियों को दिखाया जाएगा.

यूपी दिवस पर राज्यभर में आयोजित होंगे कई कार्यक्रम.
दो वर्षों से मनाया जा रहा यूपी दिवस

ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए प्रमुख सचिव, संस्कृति और पर्यटन मुकेश मेश्राम ने बताया कि यूपी की स्थापना 24 जनवरी 1950 को हुई थी और इसी याद में 2018 से यूपी दिवस मनाया जा रहा है. प्रमुख सचिव संस्कृति का कहना है कि लखनऊ के साथ-साथ नोएडा में भी बार राज्य स्तरीय आयोजन किया जा रहा है, जिससे प्रदेश के लोगों का इससे जुड़ाव हो सके. यूपी दिवस के माध्यम से प्रदेश की जनता को प्रदेश सरकार द्वारा पर्यटन व धार्मिक स्थलों पर किए जा रहे कार्यों को प्रदर्शनी व झांकियों के माध्यम से दिखाया जाएगा. इस अवसर पर 'वन डिस्ट्रिक्ट, वन प्रोडक्ट' के उत्पादों की भी प्रदर्शनी लगाई जाएगी.

प्रमुख सचिव, संस्कृति मुकेश मेश्राम ने बताया कि राजधानी लखनऊ और नोएडा में राज्य स्तरीय यूपी दिवस का कार्यक्रम 10 दिनों तक चलेगा. जबकि प्रदेश के सभी जनपदों में यह कार्यक्रम 24, 25 व 26 जनवरी तक तीन दिवसीय ही आयोजित किया जाएगा. इस कार्यक्रम के माध्यम से लोगों को उपलब्धियां दिखाई जाएंगी, जिससे अधिक से अधिक लोगों का यूपी दिवस कार्यक्रम से जुड़ाव हो सके.

'धार्मिक स्थलों पर कराए जा रहे विकास कार्य'
प्रमुख सचिव, संस्कृति मुकेश मेश्राम ने बताया कि प्रदेश के सभी धार्मिक क्षेत्रों में लगातार विकास कार्य कराए जा रहे हैं, जिससे तीर्थाटन और पर्यटन में संभावनाएं बढ़ सके. उत्तर प्रदेश में बड़ी संख्या में लोग तीर्थाटन और पर्यटन के लिए आते हैं. वाराणसी में स्वदेश दर्शन व प्रसाद योजना के तहत काम किया जा रहा है. इसके साथ ही प्रदेश में 250 ऐसे स्थल हैं, जहां पर मेले लगते हैं. इन स्थलों पर भी मूलभूत सुविधाएं टॉयलेट, टूरिस्ट वेटिंग हॉल और घाटों के सौंदर्यीकरण के लिए लगातार काम किया जा रहा है, जिससे पर्यटन के लिए अधिक से अधिक पर्यटक आ सके और निश्चित रूप से इससे राज्य सरकार को फायदा भी मिलेगा. इसके साथ ही गोरखपुर, अयोध्या, मथुरा और विंध्याचल में लगातार काम किए जा रहे हैं.

'बुद्धिस्ट सर्किट का भी हो रहा विकास'
प्रमुख सचिव, संस्कृति मुकेश मेश्राम ने बताया कि इसके साथ ही प्रदेश में बुद्धिस्ट सर्किट के भी विकास कराए जा रहे हैं, जिसमें श्रावस्ती, कुशीनगर, सारनाथ, कौशांबी, कपिलवस्तु में भी मूलभूत सुविधाएं और बेहतर की जा रही हैं. इन स्थलों पर बड़ी संख्या में विदेशी पर्यटक आते हैं. ऐसे में लगातार सुविधाओं का विकास कराया जा रहा है, जिससे इन पर्यटकों को किसी तरह की समस्या का सामना न करना पड़े.

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