लखनऊ. विद्युत नियामक आयोग (Electricity Regulatory Commission) की अनुमति के बिना स्टैंडर्ड बिडिंग गाइडलाइन (Standard Bidding Guidelines) के आधार पर सभी बिजली कंपनियों में टेक्निकल बिड का टेंडर खोल दिया गया है. 25 हजार करोड़ से ज्यादा की लागत के 2.5 करोड़ स्मार्ट प्रीपेड मीटर के पार्ट-वन टेक्निकल बिड का टेंडर खुलने पर उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने आयोग में याचिका दाखिल की है. अवधेश कुमार वर्मा ने मामले में विद्युत नियामक आयोग से तत्काल हस्तक्षेप की मांग की है.
उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद (Uttar Pradesh State Electricity Consumer Council) के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने विद्युत नियामक आयोग के चेयरमैन आरपी सिंह और सदस्य बीके श्रीवास्तव से मुलाकात कर उपभोक्ता हितों का पक्ष रखा. अवधेश वर्मा ने मुद्दा उठाया कि इस परियोजना पर जो कुल खर्च होना है उसको प्रदेश के विद्युत उपभोक्ताओं की बिजली दर में पास किया जाए. अवधेश वर्मा ने कहा कि सभी बिजली कंपनियों में स्मार्ट प्रीपेड मीटर के टेंडर को खुलने के बाद वेबसाइट पर कुछ निजी क्षेत्र की कंपनियों के नाम दिख रहे हैं. जिन्होंने एक ही तिथि 17 अक्टूबर को टेंडर सबमिट किया गया है, जबकि टेंडर वेबसाइट पर डालने की प्रक्रिया लगभग एक महीने से चल रही थी. ऐसे में एक ही दिन इन कंपनियों के टेंडर डालना संदेहास्पद है.