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MLC चुनाव: शिक्षक संघों ने राजनीतिक दलों का किया विरोध

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Published : Nov 18, 2020, 3:10 PM IST

यूपी की 11 विधान परिषद सीटों पर चुनाव होना है. इनमें छह शिक्षक और पांच स्नातक कोटे की विधान परिषद सीटें हैं. वहीं शिक्षक संघों का कहना है कि राजनीतिक दलों के चुनाव में कूदने से शिक्षकों का नुकसान होगा. यदि राजनीतिक दलों के प्रतिनिधि परिषद में पहुंचते हैं तो वे खुलकर शिक्षकों की आवाज नहीं उठाएंगे. वे विचारों से बंधे हुए होंगे.

यूपी में विधान परिषद चुनाव.
यूपी में विधान परिषद चुनाव.

लखनऊ:विधान परिषद में पांच स्नातक और छह शिक्षक कोटे की सीटों पर हो रहे चुनाव को लेकर दांव पेंच तेज हो गया है. राजनीतिक दल जीत दर्ज करने के लिए पूरी ताकत झोंक रहे हैं. दलों ने सम्पर्क अभियान तेज कर दिए हैं. वहीं शिक्षक संघों की सक्रियता भी देखने को मिल रही है. संघों को शिक्षक कोटे की सीटों पर पार्टियों के कूदने से नाराजगी है. इसी बात को लेकर संघ एकजुट होने को कोशिश करते दिख रहे हैं.

शिक्षक कोटे की सीटों पर आमतौर पर शिक्षक दल ही प्रत्याशी उतरते रहे हैं. इस बार राजनीतिक दलों ने भी अपने-अपने प्रत्याशी उतारे हैं. राजनीतिक दलों के सीधे कूदने से चुनाव दिलचस्प हो गया है. वहीं राजनीतिक दलों के इस निर्णय से शिक्षकों में नाराजगी भी है. शिक्षक संघों का कहना है कि राजनीतिक दलों के कूदने से शिक्षकों का नुकसान होगा. यदि राजनीतिक दलों के प्रतिनिधि परिषद में पहुंचते हैं तो वे खुलकर शिक्षकों की आवाज नहीं उठाएंगे. वे विचारों से बंधे हुए होंगे.

राजनीतिक दलों के चुनाव में कूदने पर सवाल
शर्मा गुट शिक्षक संघ के नेता व लखनऊ शिक्षक सीट से प्रत्याशी आरपी मिश्र कहते हैं कि संविधान में यह व्यवस्था है कि विधान परिषद का 1/12 भाग शिक्षकों के प्रतिनिधियों से और 1/12 भाग बुद्धिजीवियों के प्रतिनिधियों से भरा जाएगा. माध्यमिक और उच्च शिक्षा के शिक्षकों के ही शामिल होने का प्रावधान है. इसमें ग्रेजुएट लोग ही मतदाता होंगे. सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों मिलकर इस पुरानी व्यवस्था को तोड़ रहे हैं. शिक्षक कोटे की सीटों का राजनीतिकरण उचित नहीं है.

शिक्षकों का होगा नुकसान
शिक्षक नेता डॉ. मौलेन्दु मिश्र ने कहा कि सदन में शिक्षकों की आवाज जब उनका प्रतिनिधि उठाता है तो वह ज्यादा प्रभावी ढंग से उठाता है. राजनीतिक दलों के प्रतिनिधि शिक्षकों की आवाज मुखर होकर नहीं उठाएंगे. सरकार के दबाव में होंगे. लिहाजा शिक्षकों को नुकसान भुगतना पड़ेगा. इससे स्पष्ट है कि सरकार शिक्षकों और बुद्धिजीवियों की आवाज दबाना चाहती है. इस कारण शिक्षकों के बीच से सरकार और राजनीतिक दलों का विरोध हो रहा है.

भाजपा का सभी सीटें जीतने का दावा
भारतीय जनता पार्टी चुनाव जीतने के लिए विभिन्न समूह की बैठकें कर रही है. पार्टी मुख्यालय पर आए दिन ऐसी बैठकें की जा रही हैं. ताकि लोगों को एकजुट करके भाजपा के पक्ष में मतदान कराया जा सके. भाजपा के प्रदेश महामंत्री अमरपाल मौर्य ने कहा कि उनकी पार्टी हमेशा से विधान परिषद के चुनाव लड़ती आ रही है. पूरी तैयारी के साथ हमारे प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं. इस बार शिक्षक कोटे की सीटों पर भी प्रत्याशी उतारा गया है. संपर्क अभियान तेज चल रहा है. पार्टी ने प्रत्येक मतदाता तक पहुंचने का लक्ष्य निर्धारित किया था. उसे पूरा कर लिया गया है. हम सभी सीटों पर चुनाव जीतने जा रहे हैं.

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