लखनऊ:उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग अधिनियम को सरकार ने पिछले दिनों विधान परिषद से भी पारित करा लिया है. शिक्षक दल का आरोप है कि सरकार ने संशोधन प्रस्ताव पर सदन में चर्चा नहीं कर स्कूल प्रबंधकों के हित का पोषण किया है. सरकार की मनमानी के खिलाफ अब शिक्षक दल के सदस्य माध्यमिक स्कूलों के शिक्षकों के बीच मसले को ले जाएंगे और सरकार की बदनीयती को उजागर करेंगे.
विधान परिषद में शिक्षक दल के नेता ओम प्रकाश शर्मा ने ईटीवी भारत से बातचीत में बताया कि पहले भी प्रबंध तंत्र के शोषण का शिकार शिक्षक होते रहे हैं. प्रबंध तंत्र की मनमानी से बचाव के लिए ही सरकार ने 40 साल पहले माध्यमिक शिक्षा अधिनियम में संशोधन कर यह नियम बनाया था कि जब तक जिला विद्यालय निरीक्षक का पूर्वानुमोदन प्राप्त न हो, तब तक स्कूल प्रबंध तंत्र किसी भी शिक्षक के खिलाफ कोई भी अनुशासनात्मक या दंडात्मक कार्रवाई नहीं कर सकेगा.