लखनऊ: लखनऊ विश्वविद्यालय के कुलपति से लेकर शिक्षक कोरोना संक्रमण से अपने माता-पिता को खोने वाले छात्र-छात्राओं की पढ़ाई की जिम्मेदारी उठाएंगे. विश्वविद्यालय कुलपति ने कार्यपरिषद की बैठक में ऐसे एक छात्र के शिक्षा का खर्च उठाने की घोषणा करते हुए विश्विद्यालय के अन्य सहयोगीजनों से इस मुहिम में आगे आने का अह्वान किया है.
कोरोना संक्रमण में माता-पिता खोने वाले छात्र-छात्राओं की पढ़ाई का खर्च उठाएंगे यह शिक्षक - up education system
लखनऊ विश्वविद्यालय के कुलपति से लेकर शिक्षक तक कोरोना संक्रमण से अपने माता-पिता को खोने वाले छात्र-छात्राओं की पढ़ाई की जिम्मेदारी उठाएंगे. विश्वविद्यालय की कार्यपरिषद की बैठक में यह फैसला लिया गया है.
इसपर रजिस्टार, चीफ प्रॉक्टर व अधिष्ठाता छात्र कल्याण ने भी एक एक ऐसे छात्र के शिक्षा का खर्च वहन करने की घोषणा की है. विश्विद्यालय ने ऐसे छात्रों की गूगल फार्म के जरिए सूचना प्राप्त की है. इसके अंतर्गत संबंधित छात्र की साल भर की फीस व अन्य शिक्षण शुल्क माननीय कुलपति एवं संबंधित शिक्षक वहन करेंगे. कार्य परिषद की बैठक में जिन शिक्षकों अथवा शिक्षणेत्तर कर्मचारियों की कोविड-19 के कारण निधन हुआ, उनके आश्रित को शासकीय नियमों के अधीन नियुक्ति की संस्तुति की गई.
पीजी में एनईपी के तहत किए गए बदलाव
विश्वविद्यालय के परास्नातक के आर्डिनेंस को भी मंजूरी प्राप्त हो गयी, जिसके अधीन लखनऊ विश्विद्यालय भारत का पहला विश्विद्यालय बन गया है. जो सत्र 2020-21 में ही नई शिक्षा नीति के अनुरूप फ्लेक्सिबल एंट्री एग्जिट लागू करने वाला पहला संस्थान बन गया है. इसके अतिरिक्त विश्विद्यालय में खुलने वाले फार्मेसी संस्थान को औपचारिक मंजूरी भी प्राप्त हो गई है.