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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Aug 22, 2023, 10:42 PM IST

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शिक्षक संघ ने स्कूलों में चंद्रयान-3 के लाइव प्रसारण दिखाने के आदेश को लेकर लिखा पत्र, की यह मांग

चंद्रयान-3 का लैंडर 23 अगस्त की शाम को चंद्रमा पर लैंड करेगा. जिसको लेकर यूपी के महानिदेशक स्कूल शिक्षा विजय किरण आनंद की ओर से प्राथमिक व माध्यमिक विद्यालयों में बच्चों को चंद्रयान-3 तीन की लैंडिंग का लाइव प्रसारण दिखाने के आदेश दिया था.

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लखनऊ : महानिदेशक स्कूल शिक्षा विजय किरण आनंद की ओर से 23 अगस्त की शाम 5:15 बजे से 6:15 बजे तक सभी प्राथमिक व माध्यमिक विद्यालयों में बच्चों को चंद्रयान-3 तीन की लैंडिंग का लाइव प्रसारण दिखाने के आदेश को लेकर विरोध शुरू हो गया है. महानिदेशक के आदेश को लेकर माध्यमिक शिक्षक संघ की ओर से पत्र लिखकर इस पूरी तरह से आव्यावहारिक बताया है. संघ ने महानिदेशक को अपने इस आदेश पर एक बार फिर से पुनर्विचार करने को कहा है. उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक महासंघ के अध्यक्ष डॉ. दिनेश चन्द्र शर्मा व संयोजक सुरेश कुमार त्रिपाठी ने महानिदेशक स्कूल शिक्षा और शिक्षा निदेशक (माध्यमिक) शिक्षा को पत्र लिखकर शाम के समय विद्यालाओं में छात्र/छात्राओं व शिक्षकों को विशेष सभा आयोजित कर सीधा प्रसारण देखने सम्बन्धी निर्देश पर व्यावहारिक कठिनाई बतलाते हुए ऐसे आदेश को वापस लिए जाने की मांग भी है.

संगठन के प्रदेशीय उपाध्यक्ष एवं प्रवक्ता डॉ. आरपी मिश्र ने बताया कि 'उच्चाधिकारियों को प्रेषित किए गए पत्र में शिक्षक नेताओं ने लिखा है कि विद्यालयों में टेलीविजन, डिश, प्रोजेक्टर अथवा स्मार्टफोन आदि की कोई व्यवस्था नहीं है. जिसके कारण चंद्रयान-3 की लैंडिंग का लाइव प्रसारण छात्र-छात्राओं को दिखाया जाना सम्भव नहीं है, जबकि लगभग सभी छात्र-छात्राओं को घर पर लाइव प्रसारण देखने के लिए टेलीविजन आदि की व्यवस्था है. डॉ. मिश्रा ने कहा कि बेसिक शिक्षा परिषदीय विद्यालयों का समय सुबह 08 बजे से 02 बजे तथा माध्यमिक विद्यालयों का समय सुबह 07ः20 से 12ः30 बजे के मध्य संचालित होता है, जबकि चन्द्रयान-3 का चन्द्रमा पर उतरने का सीधा प्रसारण शाम 05ः15 से 06ः15 बजे तक है. ऐसे में एक बार विद्यालय की छुट्टी हो जाने के बाद बच्चों को दोबारा स्कूल बुलाना संभव नहीं है.'

शिक्षक नेताओं ने कहा कि 'सभी विद्यालयों में आधे से ज्यादा बच्चों को लाने ले जाने के लिए स्कूल बस व रिक्शे लगे हुए हैं तो वहीं कुछ बच्चों को उनके माता-पिता समय निकालकर विद्यालय लेट ले जाते हैं. ऐसे में एक बारी स्कूल की छुट्टी हो जाने के बाद बच्चे अगर घर चले जाते हैं तो वह शाम के समय इस कार्यक्रम के लिए स्कूल में उपस्थित नहीं हो पाएंगे और अगर विद्यालय इन बच्चों को शाम तक रोक के रखता है तो इनके खाने-पीने सहित दूसरी कई दिक्कतें पेश आएंगी. ऐसे में विद्यालय में किसी भी परिस्थिति में रोक पाना सम्भव नहीं है. शिक्षक नेताओं ने अपने पत्र में लिखा है कि महानिदेशक द्वारा 29 जुलाई, 2023 को मोहर्रम के अवकाश तथा रविवार 13 अगस्त, 2023 को भी इस प्रकार के आयोजन के लिए विद्यालय को खोले जाने के निर्देश दिये गये थे. इस प्रकार के आदेशों से विद्यालयों को खोले जाने से शिक्षकों में भारी रोष एवं आक्रोश व्याप्त है.'

उत्तर प्रदेश जूनियर हाईस्कूल शिक्षक संघ ने 23 अगस्त की शाम को स्कूल खोलने के आदेश को अव्यवहारिक बताया है. संघ का कहना है कि 'प्रदेश में अधिकांश प्राथमिक विद्यालय रिमोट एरिया में स्थित हैं जहां पर शिक्षिकाएं तैनात हैं. शाम के समय विद्यालय खोलने और इसके बाद रात में घर जाने पर यदि शिक्षिकाओं के साथ कोई अप्रिय घटना हो जाती है तो इसके लिए कौन जिम्मेदार होगा? इसके अलावा पूरे संघ का कहना है कि सीतापुर जिले में कुछ ग्रामीण क्षेत्र में जंगली जानवरों विशेष तौर पर तेंदुए का आतंक है. अगर शाम के टाइम स्कूल से वापसी के समय किसी बच्चे या शिक्षिका पर कोई अप्रिय घटना होती है तो इसके लिए कौन जिम्मेदार होगा?. संघ के प्रदेश अध्यक्ष योगेश त्यागी का कहना है कि '23 अगस्त की शाम 6:30 बजे तक विद्यालय खोलकर बच्चों को चंद्रयान की लैंडिंग का सीधा प्रसारण दिखाया जाना यह बताता है कि विभाग के अधिकारी कितने संवेदनशील हैं. उन्होंने इस आदेश को जारी करने से पहले एक बार भी विचार करना जरूरी नहीं समझा. प्राथमिक विद्यालय में 50% से अधिक शिक्षक महिलाएं हैं, वह अपने निवास स्थान से 50 से 60 किलोमीटर दूर आकर विद्यालयों में पढ़ाती हैं वह अपने बच्चों के पास किस साधन से पहुंचेंगी, उनके साथ कोई अप्रिय घटना हो जाए तो उसका जिम्मेदार कौन होगा?

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