लखनऊ:राजधानी के किंग जार्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (KGMU)में शिक्षक भर्ती में घपले का राज काफी गहरा है. यहां अभ्यर्थियों के आवदेन की स्क्रीनिंग से ही खेल शुरू हो जाता है. इंटरव्यू प्रक्रिया में भी गड़बड़झाला है. एक अभ्यर्थी के मुताबिक यहां 'कोड वर्ड' में बुलाने के बजाय नाम से दावेदार को बुलाया जाता है. जो चयन समिति की गोपनीयता-पारदर्शिता की धज्जियां उड़ाता है. इसलिए अब राजभवन ने साक्षात्कार प्रक्रिया की वीडियो रिकॉर्डिंग के निर्देश दिए हैं.
हर इंटरव्यू की वीडियो रिकॉर्डिंग करने का निर्देश
KGMU में जूनियर डॉक्टर से लेकर सीनियर डॉक्टरों की भर्ती कई बार सवालों के घेरे में आई है. पारदर्शिता के नाम पर कड़े नियमों का दावा किया गया लेकिन गड़बड़ी पर अंकुश नहीं लग सका. इसी क्रम में राजभवन ने साक्षात्कार प्रक्रिया की वीडियो रिकॉर्डिंग के निर्देश दिए हैं. ऐसे में संस्थान प्रशासन को रिकॉर्डिंग सुरक्षित रखना अनिवार्य है. वहीं आवश्यकता पड़ने पर राजभवन रिकॉर्डिंग को तलब भी कर सकता है. अब भर्ती प्रक्रिया को राजफाश करने के लिए एक अभ्यर्थी ने नाम न छापने की शर्त पर राजभवन से रिकॉर्डिंग तलब करने की मांग की है.
स्क्रीनिंग कमेटी से छंटनी करा देते हैं आवेदन
KGMU में चहेतों को नौकरी देने के लिए अफसर-विभागाध्यक्ष विज्ञापन निकालने के पहले ही सक्रिय हो जाते हैं. चहेतों के लिहाज से एनएमसी-इंस्टिट्यूट के एक्ट-शर्तों को सुविधानुसार थोपते हैं. इसके बाद स्क्रीनिंग कमेटी में सेटिंग कर दावेदारों के आवेदन में कमियां निकालकर फॉर्म की छंटनी करवा डालते हैं. दंत संकाय में कुछ माह पहले ऐसे ही एक मेधावी अभ्यर्थी का फॉर्म रिजेक्ट कर दिया गया था. अभ्यर्थी ने मामले की उच्च स्तर पर शिकायत की तो फार्म स्वीकार कर लिया गया.
कोड वर्ड की अनदेखी, सबसे बड़ी गड़बड़ी
भर्ती के लिए आवेदन करने वाले अभ्यर्थी का चयन समिति के सामने गोपनीयता अनिवार्य है. इसके लिए उसका नाम, पता, जाति, धर्म को गुप्त रखा जाता है. कमेटी के समक्ष हाजिर होने से पहले उसे एक कोड वर्ड आवंटित कर दिया जाता है. उसी कोड से अभ्यर्थी को बुलाया जाता है. एक अभ्यर्थी के मुताबिक केजीएमयू में चहेतों को शिक्षक बनाने के लिए इस नियम को तार-तार किया जा रहा है. हाल, में ही शिक्षक प्रमोशन साक्षात्कार मसले पर भी यह सवाल उठा. एससी-एसटी आयोग ने संस्थान से प्रमोशन कमेटी की रिकार्डिंग तलब की है.