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शिक्षक अभ्यर्थियों ने राष्ट्रपति और राज्यपाल को इच्छा मृत्यु के लिए लिखा पत्र - बेसिक शिक्षा निदेशालय

राजधानी लखनऊ में लगभग 35 दिनों से बेसिक शिक्षा निदेशालय निशातगंज में धरना दे रहे अभ्यर्थियों ने रविवार को राष्ट्रपति के नाम पत्र लिखकर इच्छा मृत्यु की मांग की है. अभ्यर्थियों ने आरोप लगाते हुए कहा कि जब उत्तर प्रदेश में कोई सुनने वाला ही नहीं है तो इस शरीर का क्या करें.

शिक्षक अभ्यर्थी
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Published : Jan 10, 2021, 7:35 PM IST

लखनऊः 69000 शिक्षक भर्ती में त्रुटियों की वजह से छंटने वाले कई अभ्यर्थी काफी दिनों से बेसिक शिक्षा निदेशालय के सामने धरना दे रहे हैं. रविवार को काफी संख्या में अभ्यर्थियों ने राष्ट्रपति और राज्यपाल के नाम इच्छा मृत्यु के लिए पत्र लिखा. सीतापुर से आईं बबली पाल ने बताया कि लगभग 35 दिनों से धरना दे रहे हैं, लेकिन कोई सुनवाई न होने के चलते हमने राष्ट्रपति से इच्छा मृत्यु की मांग की है.

शिक्षक अभ्यर्थियों ने लिखा इच्छा मृत्यु का पत्र.

अभ्यर्थियों ने कहा कि हम लोग मानसिक, शारीरिक और आर्थिक रूप से टूट चुके हैं. जब हमारा कोई सुनने वाला ही नहीं है तो फिर हमें मृत्यु ही क्यों न दे दी जाए. अभ्यर्थियों का कहना था कि शासन से कोई सुनवाई न होने के चलते अभ्यर्थियों को यह कदम उठाना पड़ रहा है.

अभ्यर्थियों का दावा
दरअसल, 69000 सहायक शिक्षक भर्ती में ऑनलाइन फॉर्म भरते समय कुछ अभ्यर्थियों से प्राप्तांक अधिक, पूर्णाक कम, मेल-फीमेल आदि की त्रुटि हो गई थी. इन त्रुटियों की वजह से उन्हें नियुक्ति से बाहर रखा जा रहा है. अभ्यर्थियों का दावा है कि प्रदर्शन कर रहे सभी अभ्यर्थी मूल अभिलेखों से भी प्रदेश की मेरिट में आते हैं और किसी प्रकार का कूट रचित काम नहीं किया है.

हो चुकी है काउंसलिंग
इन अभ्यर्थियों को काउंसलिंग के लिए भी बुलाया गया था, लेकिन फॉर्म और मूल अभिलेखों में अंतर की वजह से नियुक्ति से बाहर रखा गया है. अभ्यर्थियों ने कहा कि कई दिनों तक कोई सुनवाई न होने के चलते हम लोगों ने राष्ट्रपति और उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल से इच्छा मृत्यु की मांग करते हुए चिट्ठी लिखी. इच्छामृत्यु की मांग करने वाले अभ्यर्थियों में मुख्य रूप से सौरभ राय, बबली पाल, आशुतोष, ममता, रमन, संदीप, कुमुद आदि थे.

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