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Tax Evasion : करोड़ों की टैक्स चोरी मामले में फंसे अफसरों पर मेहरबानी, पत्र लिखने वाले अपर आयुक्त को हटाया - जीएसटी विभाग की कार्रवाई

करोड़ों की टैक्स चोरी मामले में फंसे अफसरों पर कार्रवाई के बजाए शिकायती पत्र लिखने वाले अफसर को हटाने का मामला सामने आया है. हालांकि शासन की ओर से इसे नियमित प्रक्रिया कही जा रही है. दरअसल जीएसटी विभाग में टैक्स चोरी के मामले में पत्र लिखकर शासन तक हड़कंप मचाने वाले अपर आयुक्त प्रशासन ओपी वर्मा को उनके पद से हटा दिया गया है.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Oct 5, 2023, 9:16 AM IST

लखनऊ : जीएसटी विभाग में टैक्स चोरी के मामले में पत्र लिखकर शासन तक हड़कंप मचाने वाले अपर आयुक्त प्रशासन ओपी वर्मा को ही हटा दिया गया है. ओपी वर्मा ने विभागीय अधिकारियों के खिलाफ टैक्स चोरी करने वाले गिरोह को संरक्षण देने के गंभीर आरोप पिछले दिनों लगाए थे.भ्रष्टाचारियों को संरक्षण देने के मामले के उजागर होने के बाद शासन स्तर पर पत्राचार करने वाले अधिकारी को ही हटा दिया गया है. ऐसे में विभाग पर भ्रष्टाचारियों को संरक्षण देने की गंभीर आरोप लग रहे हैं. टैक्स चोरी के मामले में राज्य कर विभाग के स्तर पर इस पूरे मामले में कार्यवाही करने के बजाय संरक्षण देते हुए नजर आ रही है.

जीएसटी चोरी का मामला.


दरअसल राज्य कर विभाग (जीएसटी डिपार्टमेंट) में तैनात आईएएस अधिकारी अपरायुक्त प्रशासन ओपी वर्मा ने पिछले दिनों डिपार्टमेंट में भ्रष्टाचार करने वाले अधिकारियों के खिलाफ शासन से जांच कर जाने की मांग को लेकर पत्र भेजा तो पूरे विभाग में खलबली मच गई. उन्होंने अपने पत्र में करीब 2700 करोड़ रुपये की कर चोरी से संबंधित साथ महत्वपूर्ण मामलों की एसआईटी या अन्य किसी भी जांच एजेंसी से जांच करने की सिफारिश की है. इसके साथ ही उन्होंने खुद के ऊपर लगे भ्रष्टाचार के आप की भी जांच करने को लेकर पत्र लिखा है.

जीएसटी चोरी का मामला.

चौंकाने वाली बात यह है कि जिन लोगों के खिलाफ उन्होंने पत्र भेजा उनके खिलाफ कार्रवाई के बजाय नियुक्ति एवं कार्मिक विभाग की तरफ से राज्य कर विभाग में तैनात अपर आयुक्त प्रशासन ओपी वर्मा को ही हटा दिया गया है. ऐसे में शासन स्तर पर राज्य कर विभाग में सात महत्वपूर्ण मामलों में कार्रवाई नहीं की, जिससे तमाम तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं. ओपी वर्मा ने अपने पत्र में शासन को बताया है कि मुख्यालय में कुछ अफसर टैक्स चोरी को बढ़ावा दे रहे हैं. यह अधिकारी प्रदेश में संवेदनशील उत्पादों से जुड़े टैक्स चोरी करने वाले कारोबारी को संरक्षण देने का ही ठेका लेते हैं. इन कारोबारी की जांच करने वाले अधिकारी के खिलाफ ही जांच बैठाने का खेल चलते हैं और अपने व्यापारी को बचा लेते हैं. उन्होंने पत्र में राज्य कर मुख्यालय में तैनात अफसर के खेल के फर्जी वाले का भंडाफोड़ किया है.

शासन को भेजे पत्र में ब्यूरोक्रेसी रैकेट का खुलासा करते हुए कहा गया है कि प्रदेश में टैक्स चोरी के माफिया के संरक्षण का ठेका राज्य कर मुख्यालय से ही उठता है. इनमें से अधिकांश व्यापारी संवेदनशील वस्तु सुपारी, रेडीमेड, मेंथा आयल व सीमेंट से जुड़े हुए हैं. इन माफिया के ट्रक गोदाम पर जो भी अधिकारी कार्रवाई करता है यह रैकेट उसी अधिकारी के पीछे पड़ जाता है. जांच को भी डिटेल करने की साजिश की जाती है. शिकायती पत्र में सात महत्वपूर्ण उदाहरण दिए गए हैं. अपर आयुक्त प्रशासन के पत्र के अनुसार करीब 2700 करोड़ रुपये टैक्स चोरी के मामले हापुड़ गौतम बुद्ध नगर मुरादाबाद कानपुर गाजियाबाद और कानपुर देहात के हैं.






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