लखनऊ: 'राष्ट्रीय शिक्षुता प्रशिक्षण योजना' के तहत 30 से ज्यादा श्रमिक वाली औद्योगिक इकाइयों में 2.5 प्रतिशत अप्रेंटिस कराना अनिवार्य है. अप्रेंटिस के लिए सरकार की तरफ से प्रति लाभार्थी को 2,500 रुपये प्रोत्साहन राशि के रूप में दिए जाएंगे. एमएसएमई विभाग के अपर मुख्य सचिव नवनीत सहगल ने निर्देश दिए हैं कि पूरे प्रदेश में कैंप लगाकर आगामी 26 अप्रैल से अप्रेंटिस के लिए युवाओं का पंजीकरण कराया जाए. इसमें इण्डस्ट्रीज एसोसिएशन की सहभागिता भी सुनिश्चित की जाए.
शिक्षुता प्रशिक्षण योजना के तहत 50 हजार युवाओं को रोजगार का लक्ष्य - lucknow news in hindi
एमएसएमई विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. नवनीत सहगल ने बुधवार को लोक भवन स्थित अपने कार्यालय में राष्ट्रीय शिक्षुता प्रशिक्षण योजना की वर्चुअल समीक्षा की. इस दौरान उन्होंने कहा कि वित्तीय वर्ष 2021-22 में 50 हजार युवाओं को रोजगार से जोड़ने का लक्ष्य है.
50 हजार युवाओं को रोजगार देने का लक्ष्य
बता दें कि अपर मुख्य सचिव डॉ. नवनीत सहगल बुधवार को लोक भवन स्थित अपने कार्यालय में राष्ट्रीय शिक्षुता प्रशिक्षण योजना की वर्चुअल समीक्षा कर रहे थे. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा अप्रेंटिस के लिए प्रति व्यक्ति 1,500 रुपये और राज्य सरकार द्वारा प्रति लाभार्थी हेतु 1000 रुपये, कुल 2,500 रुपये दिया जाएगा. वित्तीय वर्ष 2021-22 में 50 हजार युवाओं को रोजगार से जोड़ने का लक्ष्य है. इस लक्ष्य हो हर-हाल में प्राप्त करना होगा. उन्होंने विभाग के सभी जिला स्तरीय अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे अपने-अपने जिलों में अप्रेंटिस के लिए अधिक से अधिक युवाओं को रजिस्टर्ड करें. पहले से पंजीकृत लोगों का फॉलोअप किया भी जाए.
अधिकारियों को दिए निर्देश
अपर मुख्य सचिव डॉ. नवनीत सहगल ने बताया कि इस वर्ष बैंकों द्वारा 13 लाख यूनिट और पिछले चार वर्षों में 50 लाख इकाइयों को फाइनेंस किया गया है. इससे बड़ी संख्या में रोजगार का सृजन हुआ है. इन औद्योगिक इकाइयों में युवाओं को प्रशिक्षण मिलने से उन्हें नौकरी मिलने में आसानी होगी. उन्होंने कहा कि इस योजना के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए जिला स्तरीय कमेटी में जीएमडीआईसी को सह संयोजक नामित किया है. उन्होंने सभी मण्डलों के संयुक्त आयुक्त उद्योग को निर्देश दिए कि वह नियमित रूप से अपने मण्डलों की समीक्षा करें और योजना की प्रगति से अवगत भी कराएं. समीक्षा के दौरान संयुक्त आयुक्त उद्योग पवन अग्रवाल, सुनील कुमार सहित सभी जिलों के जिला उद्योग अधिकारी वर्चुअल जुड़े थे.