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लखनऊ: ऊर्जा मंत्री-बिजली संगठनों के बीच चली वार्ता विफल, हड़ताल पर कर्मचारी

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Published : Oct 6, 2020, 5:56 AM IST

निजीकरण को लेकर ऊर्जा मंत्री-बिजली संगठनों के बीच चली 7 घंटे की वार्ता बेनतीजा साबित हुई. विद्युत कर्मचारियों की मांगों को मानते हुए उर्जा मंत्री ने निजीकरण रद्द करने पर हामी भर दी थी, लेकिन अंतिम समय में पावर कॉरपोरेशन के चेयरमैन ने प्रपत्र पर हस्ताक्षर करने से मना कर दिया.

ऊर्जा मंत्री-बिजली संगठनों के बीच चली वार्ता विफल.
ऊर्जा मंत्री-बिजली संगठनों के बीच चली वार्ता विफल.

लखनऊ:ऊर्जा मंत्री-बिजली संगठनों के बीच चली 7 घंटे की वार्ता बेनतीजा साबित हुई. इस दौरान निजीकरण का प्रस्ताव वापस लेने पर बात बनते-बनते रह गई. वहीं ऊर्जा मंत्री ने निजीकरण रद्द करने पर हामी भर दी थी, लेकिन पावर कॉरपोरेशन के चेयरमैन ने प्रपत्र पर हस्ताक्षर करने से पहले विचार करने की बात कह कर मामला उलझा दिया. इससे नाराज विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार का ऐलान किया है. इसके तहत अब बिजली विभाग के अभियंता, अवर अभियंता, कर्मचारी और संयुक्त संघर्ष समिति के पदाधिकारी मंगलवार को भी कार्य बहिष्कार जारी रखेंगे.

5 अक्टूबर यानि मंगलवार से विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति की तरफ से पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड का निजीकरण किए जाने संबंधी प्रस्ताव पर अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार शुरू हुआ. राजधानी लखनऊ समेत प्रदेश भर में लाखों बिजली कर्मियों ने सोमवार को काम नहीं किया. हालांकि जनता को दिक्कत न हो इसके लिए संविदाकर्मियों को कार्य बहिष्कार से दूर भी रखा गया. इसके बावजूद तमाम जगह बिजली आपूर्ति में बाधा आई और इसे दूर करने में दिक्कतें भी हुईं.

सोमवार की दोपहर 3 बजे ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा, पावर कारपोरेशन के चेयरमैन अरविंद कुमार के साथ ही बिजली संगठनों के पदाधिकारियों के बीच वार्ता शुरू हुई. 7 घंटे चली इस वार्ता में पांच बिंदुओं पर सहमति बनने के बाद ऊर्जा मंत्री ने निजीकरण रद्द करने का निर्णय ले लिया. इससे अभियंता और कर्मचारी खुश हो गए, लेकिन ऊर्जा मंत्री के निर्णय को भी दरकिनार करते हुए पावर कारपोरेशन के चेयरमैन अरविंद कुमार ने प्रपत्र पर आखिरी समय हस्ताक्षर करने से मना कर दिया. उन्होंने कहा कि अभी इस पर विचार करेंगे. इसके बाद ही फैसला लिया जाएगा. चेयरमैन के इस निर्णय के बाद एक बार फिर बिजलीकर्मियों के चेहरे पर मायूसी छा गई और नाराजगी भी झलकने लगी.

चेयरमैन के फैसले पर विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के संयोजक शैलेंद्र दुबे ने भी अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार का ऐलान कर दिया. उन्होंने यह भी कहा कि अब आंदोलन और भी ज्यादा मुखर होगा. निजीकरण किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.

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