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अब एक ही मजिस्ट्रेट के यहां नहीं होना होगा पेश, DM ने की यह नई व्यवस्था - system of remand magistrate

वाराणसी जिले में सभी थानों की चालानी रिपोर्ट व गिरफ्तार व्यक्ति को अब एक ही मजिस्ट्रेट के यहां पेश नहीं होना होगा. इसको लेकर डीएम ने नई व्यवस्था कर दी है. अब रिमांड मजिस्ट्रेट की व्यवस्था को समाप्त कर दिया गया है. साथ ही सभी मजिस्ट्रेट को तीन-तीन थानों की जिम्मेदारी सौंप दी है.

जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा.
जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा.

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Published : Feb 16, 2021, 6:58 PM IST

वाराणसी: जिलाधिकारी वाराणसी की तरफ से जनपद के सभी थानों के चलानी रिपोर्ट और गिरफ्तार व्यक्तियों को एक ही मजिस्ट्रेट के यहां प्रस्तुत किए जाने की रिमांड मजिस्ट्रेट की व्यवस्था को समाप्त कर दिया गया है. इस बाबत जिलाधिकारी की तरफ से मंगलवार को आदेश जारी कर इसके पालन की व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं.

कठिनाइयों को देखते हुए लिया निर्णय
मंगलवार को जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने वर्तमान समय में जनपद के सभी थानों के चलानी रिपोर्ट व गिरफ्तार व्यक्तियों को एक ही मजिस्ट्रेट के यहां प्रस्तुत किए जाने के कारण संबंधित थानों से आने वाले व्यक्तियों और गिरफ्तार व्यक्ति एवं रिमांड मजिस्ट्रेट को होने वाली कठिनाइयों को देखते हुए यह निर्णय लिया है. डीएम का कहना है कि अलग-अलग थानों व अलग-अलग व्यक्तियों की चलानी रिपोर्ट को कार्यालयों में भेजने में होने वाले विलंब को दृष्टिगत रखते हुए उक्त रिमांड मजिस्ट्रेट की व्यवस्था समाप्त की गई है.

हर मजिस्ट्रेट को तीन थानों की जिम्मेदारी
जिलाधिकारी ने पुरानी व्यवस्था को खत्म करते हुए नई व्यवस्था के तहत मामलों के जल्द निस्तारण के लिए सर्किल में पड़ने वाले हर तीन थानों की जिम्मेदारी एक मजिस्ट्रेट के लिए तय कर दी है. संबंधित मजिस्ट्रेट में अपर नगर मजिस्ट्रेट प्रथम को थाना लंका, भेलूपुर एवं मंडुवाडीह थाने की जिम्मेदारी दी गई है. अपर नगर मजिस्ट्रेट द्वितीय को थाना चौक, दशाश्वमेध एवं लक्सा थाने की जिम्मेदारी सौंपी गई है. अपर नगर मजिस्ट्रेट तृतीय को थाना चेतगंज, जेतपुरा एवं सिगरा की जिम्मेदारी दी गई है.

ऐसे ही अन्य अपर नगर मजिस्ट्रेटों को अलग-अलग थानों की जिम्मेदारी देकर चलानी रिपोर्ट को विधि सम्मत निस्तारण करने एवं किसी मजिस्ट्रेट के अवकाश पर होने पर उनके पद स्तर के अधिकारी को उनके कार्यों का संपादन करने के लिए निर्देश दिए गए हैं. ताकि लंबित प्रकरणों जल्द निस्तारित हो सके और मामले बेवजह पड़े न रहें.

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