लखनऊ: आधुनिक भारत के राष्ट्र नायक स्वामी विवेकानंद की 159वीं जयंती पर राजधानी के निराला नगर स्थिति रामकृष्ण मठ में 4 दिवसीय समारोह आयोजन जा रहा है. गुरुवार को पूरे श्रद्धाभाव के साथ समारोह का शुभारंभ किया गया. 7 फरवरी तक चलने वाले इस समारोह में कोविड-19 प्रोटोकॉल का पूरी तरह पालन किया जा रहा है. इस कार्यक्रम का यूट्यूब चैनल 'रामकृष्ण मठ लखनऊ' के माध्यम से सीधा प्रसारित भी किया जा रहा है.
स्वामी विवेकानंद जी की 159वीं जयंती समारोह का शुभारंभ - स्वामी विवेकानंद जी की 159वीं जयंती
राष्ट्र नायक स्वामी विवेकानंद की 159वीं जयंती पर राजधानी लखनऊ के निराला नगर के रामकृष्ण मठ में 4 दिवसीय समारोह का आयोजित किया गया है. इस समारोह का गुरुवार को शुभारंभ किया गया. समारोह 7 फरवरी तक चलेगा.
![स्वामी विवेकानंद जी की 159वीं जयंती समारोह का शुभारंभ स्वामी विवेकानंद जी की 159वीं जयंती](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/768-512-10504984-497-10504984-1612488241822.jpg)
मंगल आरती से हुई समारोह की शुरुआत
कार्यक्रम की शुरुआत सुबह 5 बजे शंखनाद व मंगल आरती से हुई. सुप्रभातम एवं प्रार्थना रामकृष्ण मठ के अध्यक्ष स्वामी मुक्तिनाथ आनंद ने की. इसके अलावा सूर्योदय से सूर्यास्त तक निरन्तर जप-यज्ञ भक्तों ने किया. इसके बाद विशेष पूजा के साथ चण्डी पाठ, भक्तिगीत और कठोपनिषद से पाठ हुआ. भक्तगणों ने हवन एवं भारी मात्रा में पुष्पांजलि के साथ शिवनाम संकीर्तन किया. इसके बाद भक्तगणों के बीच प्रसाद का वितरण मंदिर के पूर्व प्रांगण में सामाजिक दूरी एवं कोविड प्रोटोकॉल के तहत किया गया.
शाम को विचार गोष्ठी हुई
संघ्या आरती में जनसभा का आयोजन हुआ. जिसमें आईआईएम लखनऊ की स्ट्रैटेजिक मैनेजमेंट विभाग की एसोसिएट प्रोफेसर सब्यसाची सिन्हा ने 'स्वामी विवेकानंद की गुरु भक्ति' के विषय पर कहा कि गुरु भक्ति कैसे करें, सच्चा अनुयायी कैसे बनें. आज के समय में हम सभी नेता बनने की कोशिश कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि लीडरशिप की तुलना में फॉलोअरशिप ज्यादा महत्वपूर्ण है. गुरु भक्ति से ही दुनिया का नेतृत्व करना संभव है या अपने गुरु रामकृष्ण के प्रति स्वामी विवेकानंद द्वारा प्रदर्शित पूर्ण त्याग के साथ निर्विवाद निस्वार्थ सेवाभाव अनुयायी बनकर अभ्यास करना है. स्वामी मुक्तिनाथानन्द ने 'स्वामी विवेकानंद के व्यवहारिक वेदान्त' विषय पर अध्यक्षीय सम्बोधन देते हुये बताया कि स्वामी विवेकानंद ने मानव जाति के लिए उपदेश दिया.