लखनऊ: भ्रष्टाचार व आय से अधिक संपत्ति के संगीन आरोप में निलंबित चल रहे प्रयागराज के तत्कालीन एसएसपी अभिषेक दीक्षित पर शिकंजा कसता जा रहा है. विभागीय जांच कर रहे लखनऊ कमिश्नरेट के संयुक्त पुलिस आयुक्त (जेसीपी) कानून-व्यवस्था नीलाब्जा चौधरी ने अभिषेक दीक्षित को चार घंटे ऑफिस में बैठाकर बयान दर्ज किया. इसके साथ ही उन्होंने एडीजी जोन प्रयागराज प्रेम प्रकाश के भी बयान दर्ज किए.
बता दें कि निलंबित आईपीएस अभिषेक दीक्षित को नोटिस देकर बयान दर्ज कराने के लिए कहा गया था. शुक्रवार को ज्वाइंट कमिश्नर के कार्यालय पहुंचकर अभिषेक दीक्षित ने खुद पर लगे आरोपों को लेकर सफाई दी. सूत्रों के अनुसार अभिषेक दीक्षित अपने साथ अधिवक्ता को लेकर आए थे, लेकिन जेसीपी ने बयान दर्ज करने के दौरान अधिवक्ता को उपस्थित रहने की अनुमति नहीं दी. जेसीपी ने करीब चार घंटे अभिषेक दीक्षित से एक-एक कर कई सवाल पूछे. बता दें कि, निलंबित आईपीएस अभिषेक दीक्षित के विरुद्ध एडीजी प्रयागराज जोन ने रिपोर्ट दी थी. इसके चलते ही लखनऊ कमिश्नरेट के संयुक्त पुलिस आयुक्त (जेसीपी) कानून-व्यवस्था नीलाब्जा चौधरी ने उनके बयान दर्ज किए हैं.
ये है पूरा मामला
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की भ्रष्टाचार के विरुद्ध जीरो टालरेंस की नीति के तहत शासन ने फरार आईपीएस अधिकारी मणिलाल पाटीदार व प्रयागराज के निलंबित एसएसपी अभिषेक दीक्षित के विरुद्ध सतर्कता अधिष्ठान (विजिलेंस) से जांच कराए जाने के निर्देश दिए थे. सितंबर 2020 में विजिलेंस ने महोबा व प्रयागराज पुलिस पर लगे भ्रष्टाचार के संगीन आरोपों की जांच शुरू की थी, जबकि दिसंबर 2020 में शासन ने दोनों आईपीएस अधिकारियों के विरुद्ध आय से अधिक संपत्ति की विजिलेंस जांच का निर्देश दिया था.