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हरियाणा: सुषमा स्वराज के सियासी सफर की अनसुनी कहानी, उनके राजनीतिक गुरू की जुबानी

सुषमा स्वराज के राजनीतिक गुरू श्याम बिहारी ने बताया कि कैसे सुषमा स्वराज ने पहली बार अंबाला कैंट सीट से 1977 में चुनाव लड़ा था.

सुषमा स्वराज के सियासी सफर की अनसुनी कहानी

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Published : Aug 7, 2019, 5:37 PM IST

अंबाला:पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज का राजनीतिक सफर कई कीर्तिमानों से भरा है. सुषमा स्वराज महज 25 साल की उम्र में मंत्री बन गई थीं. वो 3 बार विधायक, 7 बार सांसद और फुल टाइम विदेश मंत्री बनने वाली पहली महिला थीं. दूसरों की तरह सुषमा स्वराज के भी राजनीतिक गुरू थे. जिन्होंने सुषमा को राजनीति के छोटे से लेकर बड़े तक कई गुर सिखाए.

श्याम बिहारी थे सुषमा स्वराज के राजनीतिक गुरू
सुषमा स्वराज के राजनीतिक गुरू श्याम बिहारी ने ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान बताया कि कैसे उन्होंने सुषमा को पहली बार अंबाला से चुनाव लड़वाने में मदद की. उस वक्त सुषमा का अंबाला सीट से लड़ पाना आसान नहीं था, क्योंकि पुरुषोत्तम देशमुख ने भी अंबाला कैंट से जनसंघ की टिकट पर ताल ठोंकी थी.

सुषमा स्वराज के राजनीतिक गुरू श्याम बिहारी ने उनके सियासी सफर को बताया.

अंबाला कैंट सीट से चुनाव लड़ना चाहती थीं सुषमा
श्याम बिहारी ने बताया कि सन 1977 में जब सुषमा स्वराज अंबाला कैंट सीट से विधानसभा का चुनाव लड़ना चाहती थीं. तब उस वक्त पुरुषोतम देशमुख जो आरएसएस के प्रचारक भी थे, उन्हें अंबाला कैंट से जनसंघ के टिकट पर चुनावी मैदान में उतारा गया था. तब श्याम बिहारी ने ही इस बात का ऐलान किया था कि वो सुषमा स्वराज के लिए ही प्रचार करेंगे. जिसके बाद पुरुषोतम देशमुख ने अपना नाम वापस लेने का ऐलान किया.

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