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गर्भवती और गर्भ में पल रहे शिशु के लिए योग फायदेमंद, प्रशिक्षित योगाचार्य की निगरानी जरूरी

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Published : Jun 21, 2023, 6:19 PM IST

लखनऊ की महापौर सुषमा खर्कवाल ने कहा कि योग हमेशा प्रशिक्षित योगाचार्य से सीखने के बाद ही किया जाना चाहिए. लोहिया संस्थान मरीजों के लिए बेहतर काम कर रहा है. लोहिया संस्थान को नगर निगम से हर सहयोग मिलेगा.

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लखनऊ :दिन की शुरूआत योग से की जानी चाहिए. इससे आप पूरा दिन तरोताजा रहेंगे. सेहत भी सलामत रहेगी. बीमारियां भी पास नहीं फटकेंगी. गर्भवती महिलाएं भी योग कर सकती हैं. यह गर्भवती व गर्भ में पल रहे शिशु की सेहत के लिए फायदेमंद हैं. यह बातें महापौर सुषमा खर्कवाल ने कहीं. वह लोहिया संस्थान के शहीद पथ स्थित मातृ एवं शिशु रेफरल हॉस्पिटल में अन्तररष्ट्रीय योग उत्सव कार्यक्रम को संबोधित कर रही थीं. इस मौके पर गर्भवती महिलाओं एवं बच्चों के योग प्रशिक्षण दिया गया.

अन्तररष्ट्रीय योग उत्सव कार्यक्रम.
अन्तररष्ट्रीय योग उत्सव कार्यक्रम.

इस मौके पर लोहिया संस्थान की निदेशक डॉ. सोनिया नित्यानंद ने कह कि गर्भवती महिलाएं नियमित योग करें. गर्भस्थ शिशु के समुचित विकास के लिए भी मां का स्वस्थ रहना बहुत आवश्यक होता है. गर्भावस्था में महिलाओं को शारीरिक के साथ मानसिक तौर पर भी सेहतमंद रहना बहुत जरूरी होता है. गर्भवती महिलाएं के शरीर में कई तरह के हार्मोनल परिवर्तन होते हैं. इसके लिए गर्भवती महिलाओं को प्रतिदिन कुछ आसान से योगासन करने चाहिए. ये आसन गर्भवती महिलाओं की शारीरिक सेहत के साथ मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में बहुत फायदेमंद होते हैं. डीन डॉ. नुजहत हुसैन ने कहा कि योग से गर्भ में पल रहे शिशु की सेहत के लिए भी फायदेमंद है. गर्भ में शिशु का विकास करने में मदद कर सकता है. कार्यक्रम में 50 गर्भवती महिलाएं व 40 बच्चों ने हिस्सा लिया. इस मौके पर पोस्टर व रंगोली प्रतियोगिता भी हुई.

अन्तररष्ट्रीय योग उत्सव कार्यक्रम.
पीजीआई लखनऊ में योग सप्ताह का आयोजन.

पीजीआई लखनऊ में योग सप्ताह का आयोजन

एसजीपीजीआई 14 से 21 जून तक योग सप्ताह मनाया गया. सुबह सात बजे पुस्तकालय परिसर के भवन में आयोजित योग कार्यक्रम में लगभग 150 प्रतिभागियों ने भाग लिया. इस में मरीज, तीमारदार, संकाय सदस्य, नर्सिंग छात्र, नर्सिंग अधिकारी और एसजीपीजीआई का अन्य स्टाफ शामिल हुआ. कार्यशाला का संचालन महेन्द्र कुमार श्रीवास्तव ने किया. पीजीआई के निदेशक प्रोफेसर राधा कृष्ण धीमान, डीन प्रोफेसर एसपी अंबेश, न्यूरोलॉजी विभाग के प्रमुख प्रोफेसर संजीव झा आदि भी शामिल रहे. इस दौरान अर्धचंद्रासन, ताड़ासन, वज्रासन, शशकासन, भुजंगासन, शलभासन, पदोत्तानासन, पवनमुक्त, मकरासन आदि की जानकारी दी गई.

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