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आयुष्मान भारत योजना के तहत 843 मरीजों की हुई सर्जरी - up news in hindi

आयुष्मान भारत योजना के तहत सिविल अस्पताल लखनऊ में लगातार बड़ी संख्या में सर्जरी हो रही हैं. बड़ी बात यह है कि योजना के तहत रिकार्ड 843 मरीजों की सर्जरी की जा चुकी है.

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Published : Sep 1, 2021, 4:18 PM IST

लखनऊ: आयुष्मान भारत योजना के तहत सिविल अस्पताल में लगातार बड़ी संख्या में सर्जरी हो रही हैं, जिसका फायदा गरीब तबके के मरीजों को मिल रहा है. मरीजों की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए यहां पर अलग से 21 बेड का वातानुकूलित वार्ड बनाया गया है. इस वार्ड में केवल आयुष्मान योजना के लाभार्थियों को ही भर्ती किया जाता है. सीएमएस डॉ. एसके नंदा के मुताबिक 2018 से शुरू हुई आयुष्मान योजना के तहत अस्पताल लगातार मरीजों को सुविधाएं दे रहा है. इस योजना के तहत अब तक कुल 2,655 गोल्डन कार्ड, 1,003 रजिस्टर्ड मरीज और 1,542 मरीज भर्ती हो चुके है, जिनको इलाज मुहैया कराया गया है.

आयुष्मान भारत योजना के तहत मरीजों का रखा जा रहा ख्याल
डॉ. नंदा ने बताया कि सबसे बड़ी बात यह है कि योजना के तहत रिकार्ड 843 मरीजों की सर्जरी की जा चुकी है. साथ ही अस्पताल को लगभग एक करोड़ पचास लाख का लाभांश मिल चुका है. हम लोग लगातार आयुष्मान योजना को बढ़ावा द रहे हैं, ताकि गरीब व जरूरतमंद मरीज इसका अधिक से अधिक लाभ उठा सकें. रोजाना पांच से दस मरीज आयुष्मान भारत योजना के अस्पताल में इलाज के लिए आते हैं. महीने में लगभग 600 मरीज से अधिक लाभान्वित होते हैं. लखनऊ में आयुष्मान मरीजों को लाभ मुहैया कराने के मामले में सिविल अस्पताल सबसे बेहतर है. वहीं लोहिया हॉस्पिटल दूसरे व बलरामपुर अस्पताल तीसरे नंबर पर है. राजधानी में कुल 159 अस्पताल आयुष्मान योजना के तहत पंजीकृत हैं. इनमें 30 सरकारी व 129 प्राइवेट हैं. सरकारी अस्पताल में 19 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, पीजीआई, लोहिया संस्थान, केजीएमयू, बलरामपुर, सिविल, लोहिया, डफरिन, झलकारीबाई, रानी लक्ष्मीबाई, लोकबंधु समेत दूसरे अस्पताल शामिल हैं. ये भी पढ़ें-'UP चुनाव से पहले होगी किसी बड़े हिंदू नेता की हत्या'


एसीएमओ डॉ. मिलिंद वर्धन के बताया कि राजधानी में अब तक दस हजार से अधिक ही मरीजों को इलाज उपलब्ध कराया जा चुका है. इसमें दिल के मरीजों को स्टंट डाले गए हैं. हड्डी के मरीजों का घुटना प्रत्यारोपित किया जा चुका है. हादसे में घायलों को रॉड वगैरह लगाई गई है. कैंसर मरीजों की कीमोथेरेपी समेत दूसरा इलाज मुहैया कराया जा चुका है. अकेले सरकारी अस्पतालों व संस्थानों में 75 सौ मरीजों को इलाज मिल चुका है. वहीं प्राइवेट में 6175 मरीजों को राहत मिली है. बीते दो वर्ष से कोरोना महामारी की वजह से लोग घरों पर रहे. इस बीच बहुत ज्यादा आयुष्मान योजना के लाभार्थी अस्पताल नहीं पहुंचे.

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