लखनऊ: उत्तर प्रदेश के कानपुर में पुलिस क्षेत्राधिकारी समेत आठ पुलिसकर्मियों की हत्या के बाद गैंगस्टर विकास दुबे के एनकाउंटर के बाद उठे सियासी भूचाल के बीच सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को विशेष जांच आयोग का गठन किया है. सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज और विधि आयोग के पूर्व अध्यक्ष न्यायमूर्ति बीएस चौहान इस आयोग के अध्यक्ष होंगे. इसमें एक दशक पूर्व यूपी के पुलिस महानिदेशक पद से रिटायर हो चुके केएल गुप्ता को सदस्य नामित किया गया है.
सुप्रीम कोर्ट ने निर्धारित किए जांच के बिंदु
मुख्य न्यायाधीश शरद अरविंद बोबडे की अध्यक्षता वाली बेंच ने कानपुर कांड के लिए गठित आयोग की जांच के बिन्दु निर्धारित किए हैं. बुधवार को ईटीवी भारत आयोग के सदस्य केएल गुप्ता के घर पहुंचा. यहां पूर्व डीजीपी केएल गुप्ता ने ऑन कैमरा बोलने से इंकार कर दिया, लेकिन ऑफ द कैमरा कहा कि सुप्रीम कोर्ट जांच के लिए जो भी चार्टर देगा, उन्हीं पर जांच आगे बढ़ाने के लिए आयोग के अध्यक्ष के साथ काम करेंगे.
कौन हैं केएल गुप्ता
उत्तर प्रदेश के चित्रकूट जिले के मूल निवासी कन्हैया लाल गुप्ता इलाहाबाद विश्वविद्यालय से पढ़ाई करने के बाद भारतीय पुलिस सेवा में चयनित हुए थे. तत्कालीन मुख्यमंत्री कल्याण सिंह की सरकार में वे उत्तर प्रदेश पुलिस के महानिदेशक बने. विज्ञान के विद्यार्थी रहे केएल गुप्ता को यूपी पुलिस में धैर्यवान और बेहद सरल अधिकारी के रूप में याद किया जाता है. उन्होंने पुलिस में कोई अभिनव प्रयोग तो नहीं किया, लेकिन परम्परागत पुलिस पर उनका सदैव फोकस रहा है.
15 साल पूर्व पुलिस सेवा से सेवानिवृत हो चुके कन्हैया लाल गुप्ता को अब सुप्रीम कोर्ट ने कानपुर कांड (आठ पुलिस कर्मियों की शहादत, उसके बाद हुए ताबड़तोड़ पुलिस एनकाउंटर, पुलिस अपराधी गठजोड़ और अपराधियों को सफेदपोशों के संरक्षण) के आरोपों की जांच के लिए गठित कमीशन का सदस्य नियुक्त किया गया है.