लखनऊ:पश्चिम बंगाल में चल रही राजनीतिक हिंसा और ममता बनर्जी के तानाशाही रवैये को लेकर भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं में भारी आक्रोश है. वहीं सुप्रीम कोर्ट ने कोलकाता के पूर्व कमिश्नर राजीव कुमार की गिरफ्तारी पर लगी अंतरिम रोक हटा दी है.
सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल के पूर्व कमिश्नर की गिरफ्तारी पर लगी रोक हटाई - उत्तर प्रदेश समाचार
पश्चिम बंगाल के चर्चित शारदा चिटफंड घोटाला मामले में शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला देते हुए पूर्व कमिश्नर राजीव कुमार की गिरफ्तारी पर लगी रोक हटा दी है. बता दें कि कोर्ट का यह फैसला 7 दिन बाद से लागू होगा.
शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने शारदा चिटफंड मामले में कोलकाता के पूर्व पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार की गिरफ्तारी पर लगी अंतरिम रोक हटा दी है. यह आदेश 7 दिन बाद से लागू होगा. इस दौरान राजीव कुमार की गिरफ्तारी नहीं होगी और वे अग्रिम जमानत की अर्जी किसी दूसरे कोर्ट में दायर कर सकते हैं. इसके बाद सीबीआई राजीव कुमार को किसी भी वक्त गिरफ्तार करने के लिए स्वतंत्र होगी.
बता दें कि इसी साल फरवरी में शारदा चिटफंड घोटाले की जांच को लेकर सीबीआई कोलकाता में पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार से पूछताछ के लिए पहुंची थी. वहां कोलकाता पुलिस ने न सिर्फ सीबीआई को अंदर घुसने से रोक दिया, बल्कि सीबीआई के पांच अफसरों को हिरासत में लेकर थाने भी ले गई थी. इस घटना के बाद सीबीआई के खिलाफ और पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार के समर्थन में ममता बनर्जी देर रात तक धरने पर बैठ गई थीं.
बुधवार को भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के रोड शो में हुई हिंसा के बाद पीएम मोदी और सीएम योगी ने ट्वीट कर ममता बनर्जी पर कई तीर चलाए. पीएम मोदी ने ट्वीट कर टीएमसी को भ्रष्ट और अपराधी प्रवृति वालों की पार्टी बताया. साथ ही कहा कि होने वाली हार का अंदेशा इनके लोकतंत्र विरोधी चेहरे को सामने ला रहा है. सीएम योगी ने ट्वीट में सवाल किया कि भाजपा से भयभीत ममता बंगाल में सभाओं के मंच तोड़कर, मजदूरों को पीटकर, रैलियां रद्द करवाकर बंगाल को क्या बनाना चाहती हैं.