लखनऊ: उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड की एक महत्वपूर्ण बैठक मंगलवार को माल एवेन्यू स्थित कार्यालय पर बुलाई गई है. इस बैठक में अयोध्या मामले पर आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड द्वारा रिव्यू पिटिशन किए जाने का समर्थन करने या फिर पांच एकड़ जमीन मस्जिद निर्माण के लिए राज्य सरकार द्वारा लिए जाने को लेकर फैसला किया जाएगा. इस बैठक में यह फैसला लिया जाना है कि राज्य सरकार द्वारा मस्जिद निर्माण के लिए दी जानी वाली जमीन सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड को कुबूल है या नहीं.
सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड की अहम बैठक. सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड की बैठक
इस बैठक में वक्फ बोर्ड के चेयरमैन जुफर अहमद फारुकी सहित बोर्ड के अन्य सदस्यों की उपस्थिति में अयोध्या मामले के दो बिंदुओं पर मुख्य रूप से फैसला किया जाना है. इसमें एक ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड द्वारा पिछले दिनों रिव्यू पिटिशन किए जाने की बात कही गई थी. उस पर सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड की क्या राय है? उस पर फैसला लिया जाना है.
इसके अलावा राज्य सरकार द्वारा मस्जिद निर्माण के लिए अयोध्या में पांच एकड़ भूमि सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड को लेनी है या नहीं, इस पर फैसला किया जाएगा. मस्जिद निर्माण के साथ कुछ अन्य संस्थान बनाए जाने हैं, जिसमें मुस्लिम यूनिवर्सिटी, इस्लामिक सेंटर जैसे संस्थान खोले जाने को लेकर भी चर्चा की जाएगी.
सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड के चेयरमैन ने दी जानकारी
हालांकि इससे पहले उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड के चेयरमैन जुफर अहमद फारुकी ने कहा था कि वह अयोध्या फैसले का सम्मान करते हैं और रिव्यू पिटिशन नहीं करेंगे. राज्य सरकार द्वारा मस्जिद निर्माण के लिए पांच एकड़ जमीन दिए जाने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर मीटिंग में चर्चा होगी.
इसे भी पढ़ें:- अयोध्या मामला: सुन्नी वक्फ बोर्ड कल रिव्यू पिटीशन समेत 5 एकड़ जमीन पर लेगा फैसला
बोर्ड की बैठक बुलाई गई है. तमाम महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा होगी. रिव्यू पिटिशन या जमीन लिए जाने को लेकर भी इस बैठक में फैसला किया जाना है.
सुन्नी वक्फ बोर्ड की बैठक में ये सदस्य शामिल
- जुफर अहमद फारुखी, चेयरमैन
- गोरखपुर से अदनान फरूखशर
- सुलतानपुर से अबरार अहमद
- लखनऊ से मोहम्मद जुनैद सिद्दीकी
- लखनऊ से ही सैय्यद अहमद अली
- मो. जुनीद
- लखनऊ से अब्दुल रज्जाक खां
- इलाहाबाद से वकील कोटे से इमरान माबूद खां शामिल नहीं हैं. बोर्ड की बैठक में कभी नहीं आते हैं.