लखनऊ: बाराबंकी के रामसनेही घाट स्थित एक ऐतिहासिक मस्जिद को सोमवार को प्रशासन ने अवैध अतिक्रमण बताते हुए ध्वस्त कर दिया था. यह मस्जिद सुन्नी वक्फ बोर्ड में रजिस्टर्ड और तकरीबन 100 वर्षों से ज्यादा पुरानी थी. इस संबंध में सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड के चेयरमैन ज़ुफर अहमद फारुकी ने मंगलवार को बयान जारी कर प्रशासन के खिलाफ सख्त नाराजगी जताई है. चेयरमैन ने कहा कि वह इस अवैध कार्रवाई के खिलाफ उच्च न्यायलय में वाद योजित करेंगे.
प्रशासन की कार्यवाई पर खड़े हो रहे सवाल
बाराबंकी की रामसनेही घाट तहसील परिसर में मौजूद ऐतिहासिक मस्जिद उस वक्त चर्चा में आई थी जब तहसील प्रशासन ने मार्च महीने में बैरिकेडिंग लगाकर मस्जिद में आने-जाने का रास्ता पूरी तरह से बंद कर दिया था. किसी को भी यहां नमाज नहीं अदा करने दी जा रही थी, जबकि इलाके के लोग वहां वर्षों से नमाज अदा कर रहे थे. सोमवार को प्रशासन की इस कार्रवाई पर अब सवाल खड़े हो रहे हैं. वहीं एसडीएम रामसनेही घाट के खिलाफ कार्रवाई की मांग भी उठने लगी है.