लखनऊः राजधानी में पिछले महीने हुएसुमित मिश्र हत्या मामले में अलीगंज पुलिस के खिलाफ मानवाधिकार आयोग (Human rights commission) शिकायत की गई है. आरोप है कि पुलिस ने पीट-पीट कर सुमित की हत्या की थी और निर्दोषों पर मुकदमा करके उनको जेल भेज दिया. शिकायतकर्ता ने 3 वीडियो और कुछ तस्वीरें भी मानवाधिकार आयोग के समक्ष प्रस्तुत किया है. जबकि पुलिस का कहना है कि आरोपियों ने अपना जुर्म कुबूला है और वे अब जेल में हैं. उनको बचाने के लिए उनके परिवार के लोग पुलिस पर गलत आरोप लगा रहे हैं. ऐसा कुछ भी नहीं हुआ है.
अलीगंज थाना क्षेत्र के त्रिवेणीनगर कंचनपुरम में रहने वाले अरुण प्रकाश सिंह की ओर से मानवाधिकार आयोग को की गई शिकायत में आरोप लगाया है कि उनके बेटे आदेश की आयुष पांडेय से दोस्ती है. आयुष की बहन मानसी ने दो साल पहले सुमित मिश्र नाम के युवक से विवाह किया था. सुमित और मानसी के बीच रिश्ता ठीक नहीं रहा. इसी बीच सुमित ने मानसी पिटाई शुरू कर दी. जिसकी शिकायत उनके बेटे आदेश ने मानसी के परिवार वालों से की थी. उन्होंने आरोप लगाया कि मानसी की ओर से दहेज संबंधी मुकदमा भी सुमित के खिलाफ दर्ज कराया गया था. जिसकी वजह से सुमित ने शिकायतकर्ता उसके बेटे से दुश्मनी मान ली थी. इसके बाद 15 जुलाई को सुमित शराब के नशे में उनके घर आया और उनसे झगड़ा करने लगा था.