लखनऊ: थाना विभूति खंड के विक्रांत खंड क्षेत्र में राम चंद्र श्रीवास्तव नाम के एक व्यक्ति ने निवेश के नाम पर दिए गए पैसे की वापसी ना होने और कंपनी के निदेशकों के द्वारा धमकी दिए जाने से परेशान होकर आत्महत्या कर ली है. पुलिस को मौके से सुसाइड नोट भी मिला है. सुसाइड नोट की राइटिंग को अब मृतक की हैंडराइटिंग से मिलाई जाएगी. इसके बाद आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. इसमें रॉयल सिटी इंफ्राटेक के निदेशक अंशु, अजीत और करणी सेना के पदाधिकारी संदीप सिंह के नाम मुकदमा दर्ज किया जा चुका है.
पुलिस ने तीन लोगों के खिलाफ FIR दर्ज कर लिया है पैसा डूबने के बाद लगाया मौत को गले
राजधानी लखनऊ में बढ़ते हुए आर्थिक अपराध से पुलिस भी परेशान है. वहीं अपनी गाढ़ी कमाई डूबने से निवेशक आत्महत्या को मजबूर हो रहे हैं. ऐसा ही मामला थाना विभूति खंड के विक्रांत खंड के रहने वाले राम चंद्र श्रीवास्तव का है, जिन्होंने चिनहट की रॉयल इंफ्रा एक कंपनी में 10 लाख रुपये का निवेश किया था, लेकिन इस निवेश के बदले न तो उन्हें कोई रकम वापस हुई और ना ही उन्हें कोई प्लाट दिया गया. बल्कि उन्हें धमकियां भी मिलने लगी. ऐसे में परेशान होकर उन्होंने खुदकुशी कर ली. मौके से पुलिस को एक सुसाइड नोट भी मिला है, जिसमें कंपनी के तीन लोगों के नाम दर्ज हैं.
सुसाइड नोट की पुलिस कराएगी जांच
मृतक व्यापारी राम चंद्र श्रीवास्तव बेहद सीधे किस्म के इंसान थे. वह प्रॉपर्टी डीलिंग का काम करते थे. वही लॉकडाउन के पहले उन्होंने एक कंपनी भी डाली थी लेकिन लॉकडाउन में नुकसान हो गया. निवेश के नाम पर 10 लाख रुपए को जब उन्हें मिलने की उम्मीद ना रही तब उन्होंने खुदकुशी का रास्ता चुना. मौके से एक सुसाइड नोट मिला है, जिसकी पुलिस जांच कर रही है. क्योंकि सुसाइड नोट में कंपनी के अंशु, अजीत और करणी सेना के पदाधिकारी संदीप का जिक्र है. हालांकि पुलिस ने तीनों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर लिया है. वहीं पुलिस सब मृतक की हैंडराइटिंग से सुसाइड नोट की हैंडराइटिंग का मिलान कर रही है इसके बाद कार्रवाई होगी.
मृतक के रिश्तेदार एके श्रीवास्तव ने बताया कि रामचंद्र बेहद सीधे और इमानदार किस्म के व्यक्ति थे. वह अपनी चीजों को खुद तक ही सीमित रखते थे .उन्होंने कंपनी में निवेश की बात भी किसी को नहीं बताई थी. डीसीपी पूर्वी चारू निगम बताती है मृतक राम चंद्र श्रीवास्तव ने एक कंपनी में निवेश किया था. उसने एक सुसाइड नोट भी छोड़ा है जिसकी जांच कराई जा रही है. वहीं सुसाइड नोट में दर्ज नाम के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत कर लिया गया है. सुसाइड नोट की जांच के बाद ही इसमें आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.