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ये तीन फॉर्मूले अपनाएं, 10वीं, 12वीं की बोर्ड परीक्षा करवाएं - लखनऊ न्यूज

राजधानी लखनऊ के निजी स्कूलों के संगठन अन ऐडेड प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन ने पीएम मोदी को अगले साल बोर्ड परीक्षाएं कराने के लिए पत्र लिखा है. इस पत्र में छात्रों के सही मूल्यांकन के लिए 3 फार्मूले भी सुझाए गए हैं.

अगले साल बोर्ड परीक्षा
अगले साल बोर्ड परीक्षा

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Published : Jul 21, 2021, 11:28 AM IST

लखनऊ: कोरोना संक्रमण के चलते इस साल बोर्ड परीक्षा नहीं हुई है और छात्रों को प्रमोट कर दिया गया है. वहीं वर्ष 2022 में प्रमोशन के बजाय छात्रों की परीक्षा कराए जाने पर जोर है. इसको लेकर राजधानी के निजी स्कूलों के संगठन अन ऐडेड प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन की ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा गया है. एसोसिएशन के अध्यक्ष अनिल अग्रवाल की तरफ से अगले साल बोर्ड परीक्षाएं कराने और छात्रों के सही मूल्यांकन के लिए 3 फार्मूले भी सुझाए गए हैं. अध्यक्ष अनिल अग्रवाल का कहना है कि मौजूदा हालातों को देखते हुए स्थिति में सुधार के लिए यह आवश्यक है.

ये तीन फार्मूले सुझाए गए

फार्मूला नंबर 1- कोरोना वायरस को लेकर स्थिति ठीक होते ही विद्यालयों को शीघ्र अति शीघ्र खोल दिया जाए. ताकि बच्चों की शिक्षा सुचारू रूप से शुरू हो सके. बोर्ड परीक्षा के दौरान वैसे भी छात्र दूर-दूर ही बैठते हैं. इसलिए मार्च के महीने में पिछले वर्षों की भांति बोर्ड परीक्षा कराई जाए.

पीएम मोदी को पत्र लिखकर सुझाए फार्मूले
फार्मूला नंबर 2-यदि सभी विषय की परीक्षाएं करा पाना संभव न हो तो कम से कम एक भाषा का पेपर (वह हिंदी हो या अंग्रेजी हो या कोई और भाषा) जरूर कराया जाए. इसके साथ ही छात्र या छात्रा के द्वारा चुने गए वर्ग के एक या दो विषय की परीक्षा हर हाल में होनी चाहिए.
फार्मूला नंबर 3-यदि ऊपर सुझाए गए फार्मूले लागू कर पाना संभव न हो तो मिड टर्म परीक्षा और आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर छात्र-छात्राओं के रिजल्ट का निर्धारण होना चाहिए. इसकी व्यवस्था नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में भी है.


ऑनलाइन परीक्षा कराना भी है एक बेहतर विकल्प

अध्यक्ष अनिल अग्रवाल का कहना है कि बिना मूल्यांकन बच्चों का प्रमोशन करना उनके भविष्य के लिए नुकसानदायक है. मौजूदा समय में ऑनलाइन परीक्षा भी एक बेहतर विकल्प हो सकती है. जिस तरह से उत्तर प्रदेश में एकेटीयू या पॉलिटेक्निक की परीक्षाएं कराई जा रही हैं उसी तरह बोर्ड परीक्षाओं को भी ऑनलाइन मोड पर कराया जा सकता है. बहुविकल्पीय प्रश्न के माध्यम से छात्रों का बेहतर मूल्यांकन किया जा सकता है. उनका कहना है कि बोर्ड परीक्षा न होने से मेधावी छात्र-छात्राओं में हताशा होती है. इसके साथ ही सुझाव दिया गया है कि शिक्षा मंत्रालय द्वारा विभिन्न बोर्ड की ऑनलाइन परीक्षाएं कराए जाने के संबंध में विचार विमर्श किया जा सकता है.

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