लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार के गन्ना विकास एवं चीनी उद्योग मंत्री सुरेश राणा ने शुक्रवार को सहकारी चीनी मिल्स संघ लिमिटेड लखनऊ की सभी 24 सहकारी चीनी मिलों के प्रधान प्रबन्धकों एवं संघ के प्रबन्ध निदेशक के साथ पेराई सत्र 2020-21 की समीक्षा वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से की. इस दौरान उन्होंने अवशेष गन्ना मूल्य भुगतान को प्राथमिकता देने के निर्देश दिए.
'किसानों को ना हो कोई परेशानी'
प्रदेश सरकार के गन्ना मंत्री सुरेश राणा ने सभी प्रधान प्रबन्धकों को यह निर्देशित किया कि गन्ना किसानों के उपयोग के लिए केन यार्ड में बिजली, पानी, प्रकाश तथा बैठने की समुचित व्यवस्था की जाए और यह सुनिश्चित किया जाए कि किसानों को किसी प्रकार की परेशानी न हो.
साथ ही उन्होंने सभी चीनी मिलों को रिकवरी बढ़ाने और क्षमता उपयोग को किसी भी दशा में 95 प्रतिशत से कम न होने देने का निर्देश दिया. साथ ही उन्होंने कहा कि, 15 दिन के बाद पुनः इसकी समीक्षा की जायेगी. इसमें किसी प्रकार की शिथिलता बरतने पर दोषी के खिलाफ कार्रवाई भी की जाएगी.
दुग्ध परिषद के संचालन के लिए 40.96 लाख स्वीकृत
उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य दुग्ध परिषद को वित्तीय सहायता के रूप में अनुदान दिए जाने हेतु 40.96 लाख रूपये की धनराशि स्वीकृत की है. द्वितीय किश्त के रूप में दी जाने वाली इस धनराशि का व्यय राज्य दुग्ध परिषद के सुव्यवस्थित संचालन एवं सुदृढ़ीकरण हेतु किया जायेगा. वर्तमान वित्तीय वर्ष में राज्य दुग्ध परिषद को वित्तीय सहायता हेतु 163.84 लाख रूपये की धनराशि का प्राविधान किया गया है, जिसमें से प्रथम किश्त के रूप में 37.27 लाख रूपये की धनराशि पूर्व में स्वीकृत की जा चुकी है. अवशेष धनराशि 126.57 लाख रूपये में से 40.96 लाख रूपये की धनराशि द्वितीय किश्त के रूप में अब स्वीकृत की गई है.
बताते चलें कि प्रदेश की योगी सरकार गन्ना किसानों की समस्याओं को लेकर काफी गंभीर हैं. और यही कारण है कि लगातार प्रदेश के गन्ना मंत्री अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक कर गन्ना किसानों की समस्याओं को दूर करने का निर्देश दे रहे हैं.