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लखनऊ का ऐसा रैन बसेरा, जहां होता है घर का एहसास - लखनऊ समाचार

ठंड बढ़ते ही उत्तर प्रदेश सरकार ने रैन बसेरों की व्यवस्था में कोई कमी न रहे इसके निर्देश दिये थे. जिसके बाद हमारी टीम ने राजधानी के एक रैन बसेरे का रियलिटी टेस्ट किया, तो यहां की व्यवस्था पुख्ता मिली और लोग इस व्यवस्था से काफी खुश नजर आये.

ऐसा रैन बसेरा, जहां होता है घर का एहसास
ऐसा रैन बसेरा, जहां होता है घर का एहसास

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Published : Dec 15, 2020, 7:24 AM IST

Updated : Dec 15, 2020, 9:14 AM IST

लखनऊःसरकार की ओर से गरीब, असहाय और बेघर लोगों के लिए रैन बसेरे की व्यवस्था की गयी थी. यहां शरण लेने वालों के लिए सर्दी से बचने के लिए रजाई, कबंल, बिस्तर और बेड सहित तमाम व्यवस्थाओं को पूरा करने का निर्देश दिया गया था. इन सारी व्यवस्थाओं का रियलिटी चेक करने के लिए ईटीवी भारत के संवाददाता लखनऊ के एक रैन बसेरे में पहुंचे. जहां सारी व्यवस्थायें काफी अच्छी थीं. यहां ठंड से बचने की व्यवस्था तो थी ही, साथ ही कोविड-19 से बचाव के लिए पल्स ऑक्सीमीटर, थर्मल स्कैनर और सैनिटाइजर भी उपल्बध थे.

रैन बसेरे में घर का एहसास

रैन बसेरा के मैनेजर ने ये कहा

रैन बसेरा के मैनेजर अमर सिंह से मिली जानकारी के मुताबिक रैन बसेरा विज्ञान फाउंडेशन चला रही है. इसमें नगर निगम, डूडा और सूडा का काफी सहयोग है. हमारे यहां गरीब असहाय और मजबूर सभी लोगों के लिए रहने की पर्याप्त व्यवस्था है. यहां पर 50 बेड हैं, जो सोशल डिस्टेंस के हिसाब से दूर-दूर पड़े हुए हैं. यहां पर एक रोगी कक्ष है. जिससे कोई भी बीमार अपने तीमारदारों के साथ रह सकता है. इसके साथ ही महिलाओं के लिए एक अलग से कक्ष बनाया गया है. 9 शौचालय बने हुए हैं, जिनकी साफ- सफाई का ध्यान रखा जाता है. रैन बसेरा में एंट्री से पहले सभी लोगों की पल्स ऑक्सीमीटर सैनिटाइजर और थर्मल स्कैनर से जांच के बाद एंट्री दी जाती है. ये स्थाई रैन बसेरा है. यहां पर साल के 12 महीने लोग शरण लेने आते हैं. सर्दियां जब ज्यादा बढ़ जाती हैं, तब यहां पर बहुत अधिक लोग आने लगते हैं. उनके लिए भी इमरजेंसी में व्यवस्था करायी जाती है.
रैन बसेरे की पुख्ता व्यवस्था
रैन बसेरे में कोविड-19 संक्रमण से बचाव के लिए पल्स ऑक्सीमीटर, थर्मल स्कैनर, सैनिटाइजर और मास्क की व्यवस्था है. इसके साथ ही रोजाना बिल्डिंग में सभी बेड सेनिटाइज किए जाते हैं. रैन बसेरे में शौचालय के खास इंतजाम हैं, जिसमें 9 शौचालय बने हुए हैं. शौचालय के साथ ही गरम पानी से नहाने के लिए गीजर की व्यवस्था भी है. रोगियों के ठहरने के लिए रैन बसेरे में एक एक्स्ट्रा कमरा बनाया गया है. जिससे रोगी के साथ उसका तीमारदार आसानी से रह सकता है. महिलाओं के रुकने के लिए एक्स्ट्रा कमरा बनाया गया है. जिसमें अगर एकल महिला आती है, तो उसे एक्स्ट्रा रूम में रखा जाएगा. कड़ाके की सर्दी से बचने के लिए रेन बसेरे में शरणार्थियों के लिए कंबल, बेड, बिस्तर, तकिये की भी व्यवस्था की गई है. यहां पर 50 बेड, 50 बिस्तर और 150 कंबल हैं. इस रैन बसेरे की क्षमता 50 बेड की है. लेकिन जब सर्दी ज्यादा होती है, तो इसमें अधिकतम 250 लोग भी रुक जाते हैं.

Last Updated : Dec 15, 2020, 9:14 AM IST

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