लखनऊ : ख्वाजा मुईनुद्दीन चिश्ती भाषा विश्वविद्यालय में अब सभी संकायाध्यक्षों को कम से कम 15 फीसदी प्लेसमेंट कराना होगा. इस प्रस्ताव पर सोमवार को विश्वविद्यालय की कार्य परिषद ने अपनी मुहर लगा दी है. साथ ही दीक्षांत समारोह के लिए मुख्य अतिथियों के चयनित तीन नामों को राजभवन भेजने पर भी अपनी स्वीकृत प्रदान की है. भाषा विश्वविद्यालय की कार्य परिषद की बैठक सोमवार को सम्पन्न हुई. इसकी अध्यक्षता कुलपति एनबी सिंह ने की. इसमें कार्य परिषद के सदस्यों ने होने वाले दीक्षांत समारोह की मेडल पाने वाले मेधावियों के नामों पर अपनी मुहर लगाई है. साथ ही मुख्य अतिथि के लिए चयनित तीन नामों पर अपनी स्वीकृत प्रदान की है. इन नामों में से एक के चयन के लिए राजभवन भेजा जाएगा. इसमें केन्द्रीय शिक्षा मंत्रालय की भारतीय भाषा समिति के अध्यक्ष चामू कृष्ण शास्त्री, पद्मभूषण प्रो. वरिष्ठ और महात्मा गांधी अन्तर्राष्ट्रीय भाषा विश्वविद्यालय, वर्धा के कुलपति प्रो. रजनीश कुमार शुक्ल का नाम शामिल हैं.
Students will Get Placement : भाषा विश्वविद्यालय में हर साल 15 फीसदी छात्रों को मिलेगा प्लेसमेंट, कार्य परिषद में लगी मुहर
ख्वाजा मुईनुद्दीन चिश्ती भाषा विश्वविद्यालय (Students will Get Placement) ने अपने यहां अध्ययनरत छात्रों को निश्चित प्लेसमेंट देने की बात कही है. इस प्रस्ताव पर विश्वविद्यालय की कार्य परिषद ने मुहर लगा दी है
कॅरियर मेडिकल कॉलेज में मिलेगा नि:शुल्क इलाज : कार्य परिषद ने कॅरियर मेडिकल कॉलेज में नि:शुल्क इलाज के प्रस्ताव पर अपनी सहमति प्रदान कर दी है. इसके तहत अब विश्वविद्यालय के शिक्षक, कर्मचारी और छात्र-छात्रााओं को नि:शुल्क इलाज मिलेगा. इसके लिए विश्वविद्यालय ने कॅरियर मेडिकल काॅलेज से एलओआई (लेटर ऑफ इन्टेन्ट) हस्ताक्षर किया है. इसके तहत कॅरियर मेडिकल कॉलेज विश्वविद्यालय परिसर में एक हेल्थ सेंटर खोलेगा का जिसमें छात्रों को इलाज के साथ ही दवाइयां भी वहीं प्रदान की जाएंगी. साथ ही विवि के पार्ट टाइम पीएचडी कोर्स फीस पर अपनी स्वीकृत दी है. इसके लिए नए ऑर्डिनेंस को सभी स्तर पर मंजूरी प्रदान कर दी गई है. पार्ट टाइम पीएचडी के लिए छात्रों को ₹50 हजार फीस देनी होगी.
विवि को दान देने के लिए बनी पॉलिसी : इसके अलावा विश्वविद्यालय द्वारा तैयार की गयी इण्डाउन्मेन्ट पाॅलिसी पर भी कार्यपरिषद ने अपनी मुहर लगा दी है. इस पॉलिसी के तहत लोग विवि को दान दे सकेंगे. साथ ही अपने प्रियजनों के नाम पर स्मृति मेडल स्थापित कर सकेंगे. स्मृति मेडल के लिए विवि के कर्मचारियों व शिक्षकों को एक लाख रुपये और बाहरी व्यक्ति को इसके लिए तीन लाख रुपये का फंड विवि को देना होगा.