लखनऊ : छात्र-छात्राएं अब लखनऊ विश्वविद्यालय (Lucknow University) से एक साथ दो रेगुलर कोर्स की पढ़ाई कर सकेंगे. इस पर मंगलवार को प्रवेश समिति ने अपनी मुहर लगा दी है. साथ ही विश्वविद्यालय और सहयुक्त डिग्री कॉलेज के शिक्षकों को पीएचडी में दाखिला देने और ऑनलाइन कोर्स करने पर भी समिति ने अपनी स्वीकृति प्रदान की है. छात्र-छात्राएं अब लखनऊ विश्वविद्यालय से एक साथ दो रेगुलर कोर्स की पढ़ाई कर सकेंगे. इस पर मंगलवार को प्रवेश समिति ने अपनी मुहर लगा दी है. साथ ही विश्वविद्यालय और सहयुक्त डिग्री कॉलेज के शिक्षकों को पीएचडी में दाखिला देने और ऑनलाइन कोर्स वर्क करने पर भी समिति ने अपनी स्वीकृति प्रदान की है. प्रवेश समिति की बैठक की अध्यक्षता कुलपति प्रो. आलोक कुमारा राय ने की.
सदस्यों ने विचार विमर्श के बाद स्नातक और स्नातकोत्तर के कोई दो रेगुलर कोर्स की एक साथ पढ़ाई करने के यूजीसी के दिशा निर्देश को अंगीकृत कर लागू करने के लविवि के प्रस्ताव पर मुहर लग गई. अभी तक छात्र केवल एक बार में एक रेगुलर कोर्स ही कर सकता था, अब वह दो रेगुलर कोर्स एक साथ कर सकेगा. यूजीसी द्वारा एक साथ दो डिग्री करने के निर्णय के बाद लखनऊ विश्वविद्यालय की प्रवेश समिति की बैठक में रेगुलर कोर्स के साथ किसी अन्य पाठ्यक्रम करने की अनुमति के प्रस्ताव पर प्रवेश समिति की मंजूरी मिल गई है. जिसके अन्तर्गत स्नातक और परास्नातक में छात्र-छात्राएं अब रेगुलर कोर्स के कोई अन्य ऑनलाइन कोर्स या ओपेन यूनिवसिर्टी से कोई भी पाठ्यक्रम कर सकेंगे. दोनों ही कोर्स मान्य होंगे और भविष्य में छात्र अपनी आवश्यकतानुसार डिग्री का प्रयोग कर सकेंगे.
इसके साथ ही परीक्षा समिति की बैठक में एमसीक्यू परीक्षा की ओएमआर शीट भी नियमानुसार दिखाने के प्रस्ताव पर मुहर लगाई. लिखित परीक्षा की कॉपियों की तरह अब एमसीक्यू आधारित परीक्षाओं की ओएमआर शीट आरटीआई के माध्यम से देखी जा सकेंगी. जिसके लिए 300 रुपए प्रति विषय शुल्क छात्रों को देना होगा. अभी तक ओएमआर शीट दिखाने के लिए कोई नियम नहीं थे. बीकॉम के परिणाम में गड़बड़ी की शिकायत के बाद विश्वविद्यालय ने छात्रों को निशुल्क ओएमआर शीट दिखाई थी. जिसके बाद अब लिखित परीक्षा की उत्तर पुस्तिकाओं की तरह ही एमसीक्यू पैटर्न पर आधारित परीक्षा की ओएमआर शीट दिखाने के लिए भी नियम बना दिए गए हैं.
प्रवेश समिति की बैठक में पीएचडी अध्यादेश में प्रस्तावित संशोधन को लागू करने की स्वीकृत दी है. इसके तहत विश्वविद्यालय और डिग्री कॉलेज के शिक्षकों के लिए पीएचडी कोर्स में 10 फीसदी सुपर न्यूमेरिक सीटों का प्रावधान किया गया है. इस पर शिक्षकों को वर्तमान शैक्षिक सत्र में ही दाखिला दिया जाएगा. साथ ही उन्हें ऑनलाइन कोर्स वर्क करने का विकल्प उपलब्ध होगा. इसके अलावा पीएचडी करने के लिए शिक्षकों को अवकाश नहीं लेना होगा.