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बीटेक की किताब अंग्रेजी के साथ हिंदी में भी, AKTU बना नोडल सेंटर

हिंदी माध्यम से पढ़ कर आने वाले छात्र छात्राओं को अब बीटेक की अंग्रेजी में लिखी गई मोटी मोटी किताबें पढ़ने की टेंशन नहीं उठानी पड़ेगी. यह किताबें अब हिंदी में भी मिलेंगी. इंजीनियरिंग की किताबों को हिंदी और दूसरी क्षेत्रीय भाषाओं में उपलब्ध कराने की कवायद शुरू कर दी है. नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत यह बदलाव किया जा रहा है.

बीटेक की किताब अंग्रेजी के साथ हिंदी में भी
बीटेक की किताब अंग्रेजी के साथ हिंदी में भी

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Published : Feb 23, 2021, 10:16 AM IST

Updated : Feb 23, 2021, 7:01 PM IST

लखनऊ: हिंदी माध्यम से पढ़ कर आने वाले छात्र छात्राओं को अब बीटेक की अंग्रेजी में लिखी गई मोटी मोटी किताबें पढ़ने की टेंशन नहीं उठानी पड़ेगी. यह किताबें अब हिंदी में भी मिलेंगी. ऑल इंडिया काउंसिल फॉर टेक्निकल एजुकेशन ने इंजीनियरिंग की किताबों को हिंदी और दूसरी क्षेत्रीय भाषाओं में उपलब्ध कराने की कवायद शुरू कर दी है. नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत यह बदलाव किया जा रहा है. अच्छी बात यह है कि हिंदी में किताब तैयार करने की जिम्मेदारी डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय को सौंपी गई है.

नई शिक्षा नीति में क्षेत्रीय भाषाओं पर जोर
विश्वविद्यालय के प्रति कुलपति प्रोफेसर विनीत कंसल ने बताया कि प्रदेश में ग्रामीण इलाकों से आने वाले हिंदी मीडियम के छात्रों को अभी तक अंग्रेजी की किताबें पढ़ने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता था. बीटेक प्रथम वर्ष में बड़ी संख्या में बच्चे फेल हो जाते हैं. नई शिक्षा नीति में क्षेत्रीय भाषाओं पर जोर दिया गया है. बच्चे जब अपनी भाषा में किताबें पड़ेंगे तो उन्हें चीजें और भी बेहतर ढंग से समझ में आएंगे.

जानकारों की मानें तो बीते दिनों विश्वविद्यालय ने हिंदी में बीटेक की किताबों को लिखने के लिए शिक्षकों से आवेदन भी मांगे गए थे. इसमें बड़ी संख्या में आवेदन आने की बात कही जा रही है. दावा है कि सब कुछ ठीक रहा तो नए सत्र में छात्रों को ये किताबें पढ़ने का मौका मिलेगा.

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मध्य प्रदेश में कर दी गई है शुरुआत
एकेटीयू ही नहीं देश के दूसरे विश्वविद्यालय में भी इसको लेकर प्रयास चल रहे हैं. मध्य प्रदेश के राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय ने भी इस दिशा में काम शुरू कर दिया है. बताया जा रहा है कि मध्यप्रदेश में हर साल हिंदी मीडियम के करीब 30 हजार से अधिक छात्र छात्र बारहवीं करके इंजीनियरिंग में दाखिला लेते हैं. लेकिन अंग्रेजी न समझ पाने के कारण उन्हें नुकसान पड़ रहा है. यह नए सत्र से हिंदी माध्यम की किताबें लाने की तैयारी है.

Last Updated : Feb 23, 2021, 7:01 PM IST

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