लखनऊ: हिंदी माध्यम से पढ़ कर आने वाले छात्र छात्राओं को अब बीटेक की अंग्रेजी में लिखी गई मोटी मोटी किताबें पढ़ने की टेंशन नहीं उठानी पड़ेगी. यह किताबें अब हिंदी में भी मिलेंगी. ऑल इंडिया काउंसिल फॉर टेक्निकल एजुकेशन ने इंजीनियरिंग की किताबों को हिंदी और दूसरी क्षेत्रीय भाषाओं में उपलब्ध कराने की कवायद शुरू कर दी है. नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत यह बदलाव किया जा रहा है. अच्छी बात यह है कि हिंदी में किताब तैयार करने की जिम्मेदारी डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय को सौंपी गई है.
नई शिक्षा नीति में क्षेत्रीय भाषाओं पर जोर
विश्वविद्यालय के प्रति कुलपति प्रोफेसर विनीत कंसल ने बताया कि प्रदेश में ग्रामीण इलाकों से आने वाले हिंदी मीडियम के छात्रों को अभी तक अंग्रेजी की किताबें पढ़ने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता था. बीटेक प्रथम वर्ष में बड़ी संख्या में बच्चे फेल हो जाते हैं. नई शिक्षा नीति में क्षेत्रीय भाषाओं पर जोर दिया गया है. बच्चे जब अपनी भाषा में किताबें पड़ेंगे तो उन्हें चीजें और भी बेहतर ढंग से समझ में आएंगे.