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सीयूईटी में आवेदन करते समय छात्र डोमेन सब्जेक्ट का रखें विशेष ख्याल, जानिए क्या बोले विशेषज्ञ - काॅमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट

नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) 2023 में काॅमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट (CUET) का आयोजन कर रहा है. इस बार आवेदन करने वाले छात्रों को कौन सी सावधानी बरतने की जरूरत है जानिए...

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Published : Dec 29, 2022, 9:36 PM IST

जानकारी देते विशेषज्ञ नितिन प्रकाश

लखनऊ : काॅमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट (CUET) ने 2023 स्नातक का आयोजन 21 मई से 31 मई तक होना है, उससे पहले विभिन्न केंद्रीय विश्वविद्यालयों में एक ही तरह के समकक्ष कोर्स में किस तरह से आवेदन करना है, इसको लेकर बीते वर्ष छात्रों को बहुत ही दिक्कतों का सामना करना पड़ा था. समकक्ष विषयों की जानकारी न होने के कारण छात्र एक से अधिक केंद्रीय विश्वविद्यालय में आवेदन नहीं कर पाए थे. जिससे छात्रों को प्रवेश परीक्षा देने के बाद भी प्रवेश का मौका नहीं मिल पाया था. ऐसे में इस बार आवेदन करने वाले छात्रों को काफी सावधानी बरतने की जरूरत है.



एक्सपोर्ट नितिन प्रकाश ने बताया कि नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) सीयूईटी आयोजन कर रहा है. इसके लिए आवेदन की प्रक्रिया फरवरी में शुरू होना प्रस्तावित है. उससे पहले छात्रों को जिस विषय में प्रवेश लेना है वह विषय 44 केंद्रीय विश्वविद्यालयों में कहां-कहां पढ़ाया जा रहा है, इसके लिए होमवर्क करने की जरूरत है. बीते वर्ष जब काॅमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट (CUET) की घोषणा हुई तो ज्यादातर छात्रों को इसमें कैसे शामिल होना है इस बारे में जानकारी नहीं थी. छात्रों को खास तौर पर आवेदन करते समय काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा था. ऐसे में छात्रों ने दो या तीन केंद्रीय विश्वविद्यालय के विषयों का चयन कर आवेदन कर लिया था और वह शेष केंद्रीय विश्वविद्यालयों में प्रवेश का मौका पाने से चूक गए थे. इस बार भी छात्रों को सीयूईटी में इसी तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. कॉमन एडमिशन प्रक्रिया होने के बाद भी वह सभी केंद्रीय विश्वविद्यालय में प्रवेश के लिए योग नहीं हो पाते हैं. जिसका सबसे बड़ा कारण छात्रों द्वारा सही डोमेन का चुनाव न करना है. इसके लिए सभी छात्रों को पहले cuet.samarth.ac.in पर जाकर उसके बारे में पूरी जानकारी करना बेहद जरूरी है.


एक्सपर्ट नितिन राकेश ने बताया कि ज्यादा से ज्यादा केंद्रीय विश्वविद्यालय में प्रवेश का मौका हासिल हो, इसके लिए छात्रों को डोमेन (मेन सब्जेक्ट) का चुनाव करना सबसे महत्वपूर्ण होता है. उन्होंने बताया कि उदाहरण के लिए अगर कोई छात्र बीए ऑनर्स में प्रवेश लेना चाहता है तो वह अपने पसंद के केंद्रीय विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर जाकर मेन विषय के साथ दूसरा कौन सा विषय लेना अनिवार्य हैं (इसी को डोमेन कहते हैं) उसका चयन कर ले. हर केंद्रीय विश्वविद्यालय में समकक्ष कोर्सों के लिए अलग-अलग डोमेन तय कर रखा है. इसलिए छात्र जिस विषय में प्रवेश लेना चाहता है वो किसके लिए विभिन्न केंद्रीय विश्वविद्यालयों के वेबसाइट पर जाकर उस कोर्स की अहर्ता को चेककर उन सभी के कॉमन डोमेन विषयों की सूची तैयार कर ले. फिर उसी डोमेन से इन सभी विश्वविद्यालय में प्रवेश के लिए आवेदन करे. इससे छात्र को न केवल अधिक से अधिक विश्वविद्यालयों में प्रवेश का मौका मिल सकता है बल्कि डोमेन कॉमन होने से उसको बीए के अलावा कई और विषयों में भी बाद में प्रवेश के मौके मिल सकते हैं. उन्होंने बताया कि कई विषयों में प्रवेश के मानक बहुत ही कॉमन होते हैं, उसमें डोमेन के विषय नहीं लिए जाते हैं. ऐसे विषयों में भी छात्र के प्रवेश के मौके बढ़ सकते हैं.

नितिन राकेश ने बताया कि सीयूईटी हर छात्र को आवेदन करने के लिए डोमेन के तौर पर सिर्फ 6 विषयो का चयन करने का मौका देता है. ऐसे में अगर आवेदन करने से पहले छात्र जिस कोर्स में प्रवेश लेना चाहता है. उसके लिए विभिन्न विश्वविद्यालय के डोमेन में सब्जेक्ट की अनिवार्यता अगर पहले से तय कर ले तो वह आसानी से 20 से अधिक केंद्रीय विश्वविद्यालय में प्रवेश के लिए मौके बना सकता है. पहली बार आयोजित हुए सीयूईटी मे छात्रों को इसकी जानकारी ना होने के कारण उन्होंने हर विश्वविद्यालयों में अलग-अलग आवेदन किया. हर बार आवेदन करते समय उन्होंने अलग डोमेन का चयन किया. जिसके कारण वह 6 केंद्र विश्वविद्यालयों में प्रवेश का मौका पा सके थे, पर अगर छात्र आवेदन करने से पहले विभिन्न विश्वविद्यालयों की वेबसाइट पर जाकर संबंधित विषय के सब्जेक्ट के डोमेन का चयन सही से करता है, तो वह कम ऑप्शन में भी ज्यादा से ज्यादा विश्वविद्यालय में प्रवेश के योग्य होगा.

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