लखनऊ: राजधानी स्थित राष्ट्रीय कथक संस्थान की छात्राओं ने 2 दिसंबर को आयोजित कथक संध्या में जयपुर और लखनऊ घराने की परम्परा प्रस्तुत की. कार्यक्रम में मौजूद लोगों को छात्राओं ने अपने नृत्य से मंत्रमुग्ध कर दिया.
कथक में दिखा लखनऊ और जयपुर घराने का संगम - लखनऊ घराने का कथक
राजधानी लखनऊ में दो दिसंबर को कथक संध्या का आयोजन किया गया. कार्यक्रम में प्रतिभागी छात्राओं ने जयपुर और लखनऊ घराने की परम्परा प्रस्तुत की.
![कथक में दिखा लखनऊ और जयपुर घराने का संगम कथक से झूम उठे लोग.](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/768-512-9764273-836-9764273-1607090913420.jpg)
दो दिसंबर को राष्ट्रीय कथक संस्थान में कथक संध्या का आयोजन किया गया. कार्यक्रम में छात्राओं ने भारत रत्न विभूषित पंडित भीमसेन जोशी के रचित भजन 'राम का गुणगान करिये' गीत पर नृत्य प्रस्तुति दी. यह 7 मात्रा रूपक ताल में निबद्ध थी. दूसरी कड़ी 'चौताल' में छात्राओं ने शुद्ध नृत्य को 12 मात्रा चाहता में पेश किया. इसमें जयपुर घराने की थाट, आमद, परनजुड़ी, टुकड़े, तोड़े, तिहाइयों को पेश किया.
कार्यक्रम की अंतिम प्रस्तुति में छात्राओं ने तीन ताल में युगल नृत्य की प्रस्तुति दी. इसमें लखनऊ घराने की कुछ परम्परागत बंदिशे, गत, तोड़े, टुकड़े और लड़ी पेश की. इसमें तबले और घुंघरू की जुगलबंदी को बहुत ही खूबसूरती से पेश किया. छात्राओं में मोनिका, आकांक्षा, प्रियंका और शिवानी थीं. संगतकर्ताओं में गायन व हारमोनियम पर मीना वर्मा थीं. तबला पर आनंद दीक्षित और साइडरिदम् पर शशिकांत शुक्ला थे.