लखनऊः विश्वविद्यालय के स्नातक पाठ्यक्रमों में दाखिले के लिए चल रही प्रक्रिया से अभ्यर्थियों ने दूरी बनाना शुरू कर दिया है. यूजी सत्र 2021-22 में 10 पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए च्वाइस फिलिंग की प्रक्रिया पूरी हो गई है. विश्वविद्यालय की मेरिट सूची में शामिल बढ़ी संख्या में छात्र इसमें शामिल ही नहीं हुए हैं.
लखनऊ विश्वविद्यालय की काउंसलिंग प्रक्रिया से छात्रों ने बनाई दूरी, जानिए क्यों भाग रहे हैं अभ्यर्थी
लखनऊ विश्वविद्यालय में यूजी सत्र 2021-22 में 10 पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए च्वाइस फिलिंग की प्रक्रिया पूरी हो गई है. विश्वविद्यालय की मेरिट सूची में शामिल बढ़ी संख्या में छात्र इसमें शामिल ही नहीं हुए हैं.
कई पाठ्यक्रमों में तो मेरिट सूची में शामिल आवेदकों में से 50 प्रतिशत से भी कम ने च्वाइस फिलिंग की है. जबकि, विश्वविद्यालय की ओर से केन्द्रीकृत व्यवस्था लागू की गई है. साफ किया गया है कि अगर विश्वविद्यालय परिसर में दाखिला नहीं मिलता है तो काउंसलिंग में शामिल कॉलेजों में अवसर मिलेगा.
यह हैं हालात
- बीबीए और बीसीए में लखनऊ विश्वविद्यालय और कॉलेज की मिलाकर करीब 1750 के आसपास सीट हैं. बीबीए में दाखिले के लिए 1964 ने एग्जाम दिया, लेकिन च्वाइस फिलिंग सिर्फ 960 ने ही की. इसी तरह बीसीए में 1315 में से सिर्फ 610 च्वाइस फिलिंग के लिए आगे आए हैं.
- विश्वविद्यालय से जुड़े कॉलेजों में बीजेएमसी की 300 सीट के लिए 107 में से सिर्फ 34 ने च्वाइस फिलिंग में भाग लिया है.
- एलएलबी पांच वर्षीय पाठ्यक्रम में 1635 ने च्वाइस भरी है.
पाठ्यक्रम | मेरिट में शामिल संख्या | च्वाइस फिलिंग छात्रों की संख्या |
बी.कॉम (ऑनर्स व चार वर्षीय) | 8870 | 3710 |
बीएलएड | 915 | 618 |
एलएलबी (पांच वर्षीय) | 3445 | 1634 |
बीजेएमसी | 107 | 34 |
बीसीए | 1315 | 610 |
बीबीए | 1964 | 960 |
दूरी के यह हैं संभावित कारण
- राजधानी के आईटी कॉलेज, नेशनल पीजी कॉलेज समेत कई अन्य महाविद्यालयों में दाखिले की प्रक्रिया पूरी होने को है. ऐसे में जिन छात्रों को यहां मौका मिला है उन्होंने विश्वविद्यालय को छोड़ दिया.
- विश्वविद्यालय भले ही दावे कर रहा हो, लेकिन उनकी केन्द्रीकृत प्रवेश व्यवस्था फेल साबित हो रही है. कॉलेजों की भागीदारी सुनिश्चित न हो पाने के कारण यह व्यवस्था छात्रों को खींच नहीं पा रही है.
इन पाठ्यक्रमों के लिए 29 तक भरें विकल्प
लखनऊ विश्वविद्यालय के प्रवक्ता डॉ. दुर्गेश श्रीवास्तव ने बताया कि दाखिले के लिए च्वाइस फिलिंग की प्रक्रिया अभी चल रही है. बीए चार वर्षीय, बीएससी गणित और बीएससी बायो के चार वर्षीय पाठ्यक्रमों के लिए विकल्प भरने की प्रक्रिया चल रही है. काउंसलिंग के अंतर्गत च्वाइस फिलिंग उन सभी अभ्यर्थियों को करनी हैं जिनका नाम और रैंक ओवरऑल ( प्रोविजनल) मेरिट लिस्ट में है.
29 सितम्बर तक आनलाइन काउन्सलिंग के अंतर्गत अभ्यर्थी को अपनी लागइन आईडी ( जो फार्म भरने के समय से उसे प्राप्त है) का प्रयोग करके कॉलेज एवं विश्वविद्यालय की एवं विषय च्वाइस फिलिंग अपनी प्रार्थमिकता (Preference) के आधार पर करनी होगी. च्वाइस फिलिंग के लिए सिर्फ वही आवेदक अर्ह हैं जिनका नाम ओवरऑल( प्रोविज़नल) मेरिट लिस्ट में है.