लखनऊ : आईआईटियन लाखों रुपए पढ़ाई पर खर्च करने के बाद जिस तरह का आविष्कार कर एक उपकरण तैयार कर सकते हैं उसी तरह का आविष्कार मुफलिसी में जीने वाले परिवार के एक होनहार छात्र ने कर दिखाया है. छात्र के इस अनूठे प्रयोग को देखकर लोग हैरान हो रहे हैं. उसके इस आविष्कार की जमकर प्रशंसा कर रहे हैं. उत्तर प्रदेश के परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह ने भी छात्र के इस अनूठे प्रयोग को जब परखा तो इस कदर प्रभावित हुए कि उन्होंने तत्काल ₹50 हजार का पुरस्कार देकर छात्र का सम्मान किया, साथ ही छात्र की इस प्रतिभा का उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी से भी बखान किया. इसके अलावा परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह प्रयास कर रहे हैं कि छात्र ने जिस तरह का सेंसर बेस्ड हेलमेट बनाया है वह दुर्घटनाओं को रोकने में कारगर साबित हो सकता है. लिहाजा, इसका पेटेंट कराया जाए, जिससे छात्र के नाम के साथ ही देश भर में उत्तर प्रदेश का नाम भी रोशन हो सके. कक्षा 11 में पढ़ने वाले इस होनहार छात्र इंद्रेश कुमार से "ईटीवी भारत" ने खास बातचीत की.
Lucknow News : पिता का शराब के सेवन से हुआ एक्सीडेंट, बेटे ने बना दिया अनोखा हेल्मेट
यूपी में रोजाना सैकड़ों लोगों की जान सड़क हादसों (Lucknow News) में जाती है. इसमें अधिकतर जान जानें का मुख्य कारण हेल्मेट न लगाना पाया गया है. इसको देखते हुए कक्षा 11 के एक छात्र ने अनोखा हेल्मेट बनाया है. छात्र ने 'ईटीवी भारत' से खास बातचीत की.
सवाल : ये ख्याल आपके दिमाग में पहली बार कैसे आया किस तरह का हेल्मेट बनाया जाए?
जवाब :मेरे पिताजी के साथ एक दुर्घटना हुई. मेरे पिताजी शराब का सेवन करते थे और नशे में थे. बाइक से गए हुए थे. बिना हेलमेट पहने आ रहे थे. रास्ते में दुर्घटना हुई जिससे उन्हें काफी ज्यादा चोट आंख के पास और सिर में लगी. पापा बेड रेस्ट पर हो गए तो मुझे काफी समस्या का सामना करना पड़ा तो मुझे लगा कि आज मेरे पिताजी के साथ ऐसा हुआ है तो बहुत सारे पिता हैं, जो बड़े भाई हैं नशे का सेवन करते हैं और बाइक चलाते हैं, बिना हेलमेट के बाइक चलाते हैं, स्टंट करते हैं. इससे दुर्घटना हो जाती है, जिससे हेड इंजरी हो जाती है इसमें मृत्यु तक हो जाती है. मेरे दिमाग में ख्याल आया कि क्यों ना एक ऐसा हेलमेट बनाया जाए, जिससे लोगों की जान बचाई जा सके. अगर गवर्नमेंट इसे कंपलसरी कर देती है तो आने वाले दिनों में दोपहिया से होने वाली दुर्घटना की समस्या से निजात पाया जा सकता है. मैंने हेलमेट बनाया है जो सड़क सुरक्षा की दृष्टि से काफी बेहतर है. अब इसमें जिस अपडेट की आवश्यकता है उस पर भी मैं काम कर रहा हूं.
सवाल : हेल्मेट बाइक के साथ कैसे कनेक्ट हो सकता है, क्या विधि है?
जवाब :इसमें अनिवार्यता कर दी है कि सिर पर हेलमेट पहनने के साथ ही बाइक स्टार्ट होगी. कुछ लोग सिर के पास हेलमेट लगा लेते हैं, लेकिन स्ट्रिप नहीं लगाते हैं. जब दुर्घटना होती है तो हेलमेट पहले ही गिर जाता है, जिससे हेड इंजरी बनने का चांस बन जाता है तो मैंने स्ट्रिप को भी इससे जोड़ दिया, जिससे स्ट्रिप लगाने के बाद ही बाइक स्टार्ट होगी. इसकी कनेक्टिविटी इलेक्ट्रिक फ्रीक्वेंसी से है जो काफी ज्यादा ब्रीथ को एनालाइज कर पाता है कि आप शराब के नशे में हैं तो बाइक चल पाएगी या नहीं. इसके बाद ही बाइक को चलने की अनुमति है.
सवाल : क्या बिल्कुल यह संभव नहीं है कि आप थोड़े से नशे में हैं तो यह बाइक स्टार्ट होगी?
जवाब : नहीं अगर शराब के नशे में हैं तो बिल्कुल बाइक स्टार्ट नहीं होगी. शराब के नशे में कोई भी बाइक स्टार्ट हो भी जाए तो 30 की स्पीड के अंदर ही चलाई जा सकती है, लेकिन इस सेंसर बेस्ड हेलमेट से बाइक स्टार्ट ही नहीं होगी.
सवाल : एक बार की चार्जिंग में यह डिवाइस कितनी देर तक काम करती है?
जवाब : मैंने देखा और काफी ज्यादा रिसर्च किया तो यह डिवाइस एक बार की चार्जिंग में 72 घंटे तक चल सकती है और मुझे लगता है कि दोपहिया वाहन पर कोई भी वाहन स्वामी 72 घंटे से ज्यादा लगातार सफर नहीं करता होगा. कहीं न कहीं उसे चार्ज करेगा. हालांकि नेक्स्ट अपडेट में इसमें सोलर का उपयोग करूंगा. सोलर से चार्जिंग की समस्या खत्म हो जाएगी.
सवाल : इस एक सेंसर बेस्ड हेलमेट में लगभग कितना खर्च आया?
जवाब : मुझे तो इसे बनाने में लगभग ₹3000 खर्च आया. अगर गवर्नमेंट ज्यादा प्रोडक्शन करेगी तो इसका प्राइस बहुत कम हो जाएगा. एक नॉर्मल हेलमेट से कुछ ही ज्यादा होगा.
सवाल : आपके इस अनूठे प्रयोग के लिए परिवहन विभाग में आज आपको सम्मानित किया है, कैसा लग रहा है?
जवाब : मुझे काफी अच्छा लगा. उत्तर प्रदेश के परिवहन मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दयाशंकर सिंह ने मुझे सम्मानित किया. इस बात को गंभीरता से लिया कि ये हेल्मेट सड़क हादसों को रोकने के लिए काफी उपयोगी हो सकता है. उसकी प्रशंसा की है. मुझे लग रहा है कि अब मेरा लोगों की जान बचाने का सपना पूरा हो सकेगा.
क्या कहते हैं विभागीय अधिकारी :मिर्जापुर के आरटीओ संजय तिवारी ने बताया कि 'परिवहन मंत्री हमारे संभाग के दौरे पर थे तो सोनभद्र में यह बच्चा हम लोग को मिला. उसने बताया कि हमने एक टेक्नोलॉजी डेवेलप की है. मैंने परिवहन मंत्री से मिलाया. परिवहन मंत्री के सामने डेमो दिया गया तो परिवहन मंत्री ने लोकल स्तर पर इसे चेक कराने के लिए कहा कि ये कितना बेहतर है तो वहां पर इस तकनीक का इंद्रेश ने डेमो दिया. सभी को टेक्नोलॉजी समझ आई. उसके बाद परिवहन मंत्री ने लखनऊ बुलाया और इसका डेमो कराया. परिवहन मंत्री, प्रमुख सचिव और परिवहन आयुक्त के सामने डेमो दिया, जिससे वह संतुष्ट हैं. ₹50 हजार का इनाम दिया गया. कहा गया है कि इस हेलमेट को रोड सेफ्टी में ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल कर सकते हैं, इसके लिए प्लान तैयार कर आगे बढ़ाएं. एआरटीओ धनवीर यादव ने बताया कि 'सड़क सुरक्षा को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार लगातार प्रयास कर रही है तो मुझे लगता है कि यह हेलमेट सड़क दुर्घटनाओं को रोकने में मील का पत्थर साबित हो सकता है. अगर इस अविष्कार को हम लोग हर मोटरसाइकिल पर लागू करा दें. अब हमारा प्रयास है कि इसका पेटेंट कराया जाए. अगर बड़ी मोटर वाहन कंपनी इस विचार को अच्छी तरीके से अपना ले तो फिर यह सुरक्षा के लिए लिए मील का पत्थर साबित होगा.'
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