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यूपी में थमे रहे एंबुलेंस के पहिए, इलाज के लिये परेशान होते रहे मरीज

उत्तर प्रदेश में मरीजों को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. गोण्डा में एक पिता को अपनी बेटी को इलाज के लिये लखनऊ ले जाना था. एंबुलेंस नहीं मिल पाने की वजह से बेटी को ले जाने के लिए पिता ने चंदा इकट्ठा किया.

यूपी में एम्बुलेंस ड्राइवर्स की हड़ताल.

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Published : Sep 23, 2019, 9:06 PM IST

लखनऊ:प्रदेश भर में एम्बुलेंस की हड़ताल से मरीजों और तीमारदारों में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. वहीं एम्बुलेंस के ड्राइवर भी अपनी जिद्द पर अड़े हुए हैं.

यूपी में एम्बुलेंस ड्राइवर्स की हड़ताल.

कानपुर देहात में प्रदर्शनकारियों ने जीवीके को चेताया
कानपुर देहात में समय पर वेतन दिए जाने और नियमित किए जाने सहित 7 सूत्रीय मांगों को लेकर 102 और 108 एम्बुलेंस सेवा से जुड़े कर्मचारी और चालक अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं. एंबुलेंस चालकों ने जिला अस्पताल परिसर में जनपद की सभी एम्बुलेंसों को खड़ा कर प्रदर्शन किया. प्रदर्शनकारियों ने अपनी ही कंपनी जीवीके को चेतावनी देते हुए कहा कि यदि एम्बुलेंस सेवा से जुडे कर्मियों की मांगें पूरी न हुई तो यह हड़ताल जारी रहेगी.

महोबा में एम्बुलेंस की हड़ताल से गर्भवती महिलाएं परेशान
महोबा: जीवनदायनी 102 और 108 एम्बुलेंसों की हड़ताल का असर महोबा जिला महिला अस्पताल में देखने को मिल रहा है. यहां गर्भवती महिलाओं को लाने और ले जाने में तीमारदारों को भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है. तीमारदार लक्ष्मी अपनी गर्भवती बहू को लेकर अस्पताल आई. उनका कहना है कि हमें ऑटो से आना पड़ा. हमने एम्बुलेंस को फोन लगाया तो उन्होंने जबाब दिया कि इमरजेंसी सेवाएं अभी बन्द चल रही हैं.

बस्ती के एंबुलेंस ड्राइवरों ने सुनाई अपनी पीड़ा
बस्ती में 108 और 102 के ड्राइवर और ईएमटी सरकार को चेतावनी देने के बाद हड़ताल पर बैठ गए हैं. मरीजों को अस्पताल तक पहुंचने में काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है. इस हडताल का कारण जब जीवनदायिनी के ड्राइवरों और ईएमटी से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि पिछले 2 महीने से वेतन नहीं मिला है. ड्राइवरों का कहना है कि काम तो उनसे 12 घण्टे कराया जा रहा लेकिन वेतन 8 घण्टे का दिया जा रहा है, हमारे वेतन का समय निर्धारित होना चाहिए.

गोण्डा में पिता ने बेटी के लिए इकट्ठा किया चंदा
गोण्डा में एंबुलेंस कर्मचारियों के हड़ताल पर जाने के बाद जिले में स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है. अस्पताल से गंभीर अवस्था में रेफर किए गए मरीज, वाहनों के इंतजार में तड़पते रहे। अधिकांश रेफर हुए मरिजों को उनके तीमारदार अपने निजी संसाधन के बल पर ले जाने को विवश हैं. वहीं एक गरीब मरीज को एम्बुलेंस न मिलने के कारण अपनी बिटिया को लखनऊ ले जाने के लिए चंदा इकट्ठा करना पड़ा.

शाहजहांपुर में भी मरीज रहे बेहाल
शाहजहांपुर में एंबुलेंस ड्राइवरों की हड़ताल के चलते तीमारदारों और मरीजों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. एंबुलेंस ड्राइवरों का कहना है कि वेतन और कई मांगों को लेकर प्रदेशव्यापी हड़ताल की गई है. एंबुलेंस ड्राइवरों का कहना है कि उनको समान काम और समान वेतन दिया जाए, जिससे वह अपने परिवार का भरण पोषण कर सकें

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