उत्तर प्रदेश

uttar pradesh

ETV Bharat / state

स्लम इलाकों के बच्चों के लिए मसीहा बना LU का ये छात्र - हॉकी प्लेयर गौरव अवस्थी लखनऊ

लखनऊ विश्वविद्यालय के पीएचडी के छात्र और पूर्व हॉकी खिलाड़ी रहे गौरव अवस्थी आज गरीब बच्चों के लिए मसीहा बन चुके हैं. गौरव ने ईटीवी भारत से बातचीत में अपने जीवन से जुड़ी कई बातें बताईं, देखें ये रिपोर्ट-

पूर्व खिलाड़ी अब गरीब बच्चों को सिखा रहें हॉकी खेलना.
पूर्व खिलाड़ी अब गरीब बच्चों को सिखा रहें हॉकी खेलना.

By

Published : Jan 2, 2021, 2:29 PM IST

लखनऊ: लखनऊ विश्वविद्यालय के छात्र और पूर्व हॉकी खिलाड़ी ने एक अनोखी पहल की है. जिससे वह आज स्लम इलाकों के बच्चों के लिए मसीहा बने हुए हैं. अब तक स्लम्स इलाके में रहने वाले लगभग 40 बच्चों को हॉकी खेल के लिए प्रेरित कर चुके हैं. उनका मानना है कि किसी कारण वश वह खेल से दूर रहे, लेकिन कहीं न कहीं अपने सिखाए हुए बच्चों के माध्यम से उन ऊचाईयों को छूना चाहते हैं, जो उनके लिए सपना बनकर रह गई थी.

बच्चों के लिए मसीहा बने गौरव.
2012 में लखनऊ विवि में पढ़ाई करने आए

गौरव अवस्थी ने ईटीवी भारत से बातचीत में बताया कि वह लखनऊ के रहने वाले हूैं. 2012 में लविवि में अपनी पढ़ाई करने के लिए आए थे. 2020 में उन्होंने MSW किया और अब phd की तैयारी कर रहें. गौरव ने बताया, वह सब जूनियर नेशनल, अंडर 21 स्टेट और स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया की बोर्डिंग स्कीम के लिए 3 साल तक खेल चुके हैं. इसके अलावा एक साल में लखनऊ विवि की ओर से कप्तान के तौर पर भी कई मैच खेल चुके हैं.

हॉकी खेलते खिलाड़ी.

'एक और द्रोणाचार्य' किताब लिखी

गौरव ने बताया, मेरे पास किसी तरह का सोर्स नहीं था, जिसके चलते मुझे आगे बढ़ने का मौका नहीं मिल पाया. मेरे सपने अधूरे रह गए हैं. उन सपनों पर आधिरित मैंने एक किताब भी लिखी है. उस किताब का नाम 'एक और द्रोणाचार्य' है. गौरव बताते हैं कि अब इन बच्चों के माध्यम से वह अपने सपनों को पूरा करना चाहते हैं. उन्होंने बताया कि लखनऊ विवि के एथलेटिक्स ग्राउंड में हमने एक हॉकी की शुरुआत की है. उन्होंने कहा, इस लविवि के ग्राउंड ने देश को कई खिलाड़ी दिए हैं, जो अपने आप में एक इतिहास रहा है.

ग्राउंड में हॉकी सिखाते गौरव अवस्थी.

दो सिखाये हुए विद्यार्थियों का टाटा एकेडमी में हुआ चयन

गौरव ने बताया, लखनऊ विवि ग्राउंड में उन्हें लगभग 2 साल पूरे हो चुके हैं. ग्राउंड में खेलने आने वाले बच्चों में ज्यादातर बच्चों के पिता होटल में काम करते हैं, कुछ के पिता माली है. सभी बच्चों के पिता बड़ी मुश्किलों से उनका पालन-पोषण करते हैं. गौरव ने बताया, हमारे पास ऐसे परिवार के लगभग 40 बच्चे हैं, जो हॉकी खेल की तैयारी कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि हमारे दो सिखाये हुए विद्यार्थी आकाश यादव, गरिमा मौर्य का टाटा एकेडमी में सलेक्शन भी हुआ है.

खिलाड़ियों को हॉकी सिखाते गौरव अवस्थी.

टाटा एकेडमी वर्तमान में टॉप लेवल की एक प्राइवेट एकेडमी है. यहां 5 लाख रुपये हर साल एक बच्चे पर खर्च किया जाता है. बहुत खुशी होती है जब हमारे सिखाये हुए बच्चे इस तरह से आगे बढ़ रहे हैं. हालांकि जो भी गरीब बच्चे हैं, उनको हम किट आदि भी उपलब्ध करा रहे हैं, ताकि बच्चों का मनोबल न टूटे और वे आगे बढ़ते रहे. हमारा सपना है कि हमारे सिखाये हुए बच्चे भारत देश के लिए खेले. इसी से मेरा सपना पूरा हो जाएगा.

-गौरव अवस्थी, पूर्व हॉकी खिलाड़ी


मेरे पिता एक होटल में खाना बनाने का काम करते हैं. हमलोग बहुत गरीब परिवार से हैं. कभी-कभी साईकल नहीं होती है, तो पैदल आना पड़ता है. कभी इतना पैसा भी नहीं होता है कि किराया देकर आ पाउं. गौरव सर हमारी बहुत मदद करते हैं. हमारी जो भी जरूरत होती है वह पूरी करते हैं. जूते, मोजे, किट जिस तरह से भी हमलोग मदद मांगते हैं, वह पूरी करते हैं. मेरा सपना है कि मैं भी देश के लिए खेल सकूं.

-खुशी राठौर, छात्रा

मैं अपनी हॉकी मैच की तैयारी मेरठ से कर रही थी, लेकिन लखनऊ विवि में गौरव सर के अंडर में तैयारी करने में काफी बदलाब आया है. काफी कुछ नया सीखने को मिला है. मेरा सपना भारत देश के लिए खेलना है.

-राखी राठौर, छात्रा


मेरे पिता प्राइवेट स्कूल में माली का काम करते हैं, उनकी ज्यादा इनकम भी नहीं है. लेकिन गौरव सर की मदद से कुछ बनकर परिवार व देश के लिए मैं कुछ करना चाहता हूं. जब से हमारे दो साथियों का चयन इंडिया की टॉप एकेडमी में हुआ है, तभी से हममें कुछ कर गुजरने की उम्मीद जागी है. ऐसे ही धीरे-धीरे आगे बढ़ेंगे और देश के लिए खेलकर अपने सपनों को साकार करेंगे.

-नवीन, छात्र

ABOUT THE AUTHOR

...view details