लखनऊ: देश में बच्चों को कोरोना वैक्सीन की डोज जल्द मिलेगी. इसके लिए दो स्वदेशी वैक्सीन को हरी झंडी मिल गई है. केंद्र सरकार ने वैक्सीन खरीद की प्रक्रिया शुरू कर दी है. एक कंपनी को ऑर्डर भी दे दिया गया. ऐसे में यूपी ने वैक्सीन को सुरक्षित रखने के लिए स्टोरेज सेंटर तैयार कर लिए हैं. यहां के सेंटरों में करीब 12 करोड़ डोज रखने की क्षमता विकसित की गई है.
कोरोना वैक्सीन अभी तक 18 साल से अधिक वालों को लगाई जा रही है. वहीं, अब 2 साल से अधिक और 18 साल से कम आयु के बच्चों और किशोरों को डोज लगेगी. इस आयु वर्ग के बच्चों को वैक्सीन लगाने के लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, यूनिसेफ और स्वास्थ्य विभाग ने तैयारी शुरू कर दी है. राज्य टीकाकरण अधिकारी डॉ. अजय घई के मुताबिक, केंद्र सरकार राज्य को टीका आपूर्ति करेगी. पहले कौन सी कंपनी का टीका यूपी आएगा, अभी इसकी जानकारी नहीं दी गई है, लेकिन वैक्सीन को सुरक्षित रखने के लिए स्टोरेज सेंटर अपग्रेड कर दिए गए हैं.
आईएलआर-डीप फ्रीजर लगे
डॉ. अजय घई के मुताबिक, राज्य में स्टेट वैक्सीन स्टोरेज सेंटर के साथ 1300 कोल्ड चेन प्वांइट सेंटर हैं. यह जिला अस्पताल से लेकर सीएचसी तक बने हैं. इनमें पहले दो लाख क्यूबिक लीटर वैक्सीन स्टोरेज की क्षमता रही. यह करीब 10 करोड़ डोज हुई. वहीं अब केंद्र व राज्य से और मिले डीप फ्रीजर, आइस लाइन रेफ्रीजरेटर इनस्टॉल कर दिए गए हैं. ऐसे में सेंटरों पर स्टोरेज क्षमता बढ़कर ढाई लाख क्यूबिक लीटर हो गई. यह करीब 12 करोड़ डोज हुई. वहीं, कोल्ड चेन मेनटेन रखने के लिए उसकी निगरानी भी कड़ी होगी. इसके लिए इलेक्ट्रॉनिक वैक्सीन इंटेलीजेंस नेटवर्क होगा. तापमान में गड़बड़ी होने पर तुरंत जिला से लेकर राज्य तक के अफसरों को मैसेज मिल जाएगा.
को-वैक्सीन की दो डोज, जायड्स कैडिला की तीन लगेंगी
देश में बच्चों के लिए दो वैक्सीन की मंजूरी मिली है. एक को-वैक्सीन है. यह 2 वर्ष से लेकर 18 वर्ष से कम के बच्चों और किशोरों को लगाई जाएगी. वहीं, जायड्स कैडिला (जायकोड-डी) 12 वर्ष से 17 वर्ष के किशोरों के लिए बनी है. इसकी तीन डोज लगेंगी. डीएनए आधारित यह वैक्सीन निडिल के बिना लगेगी. यह फार्माजेट तकनीक से लगेगी. इसमें बिना सुई वाली सिरंज में वैक्सीन भरी जाती है. फिर उसे एक मशीन में लगाकर बांह में लगाते हैं. मशीन पर लगी बटन को दबाते ही एप्लीकेटर मौजूद दवा शरीर के अंदर पहुंच जाती है.