लखनऊ :देश की पहली हाई स्पीड ट्रेन वंदे भारत एक्सप्रेस पर पथराव की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं. जिन-जिन राज्यों में वंदे भारत एक्सप्रेस का संचालन शुरू किया गया उनमें पथराव जरूर हुआ. गोरखपुर से लखनऊ के बीच संचालित होने वाली वंदे भारत भी इससे अछूती नहीं रही. दो महीने में अब वंदे भारत ट्रेन पर दो बार पत्थर फेंके जा चुके हैं. डेढ़ से दो माह पहले अयोध्या स्टेशन के करीब वंदे भारत पर पथराव हुआ था और अब शुक्रवार को गोरखपुर से लखनऊ आ रही वंदे भारत एक्सप्रेस पर मल्हौर के पास लोगों ने पथराव कर दिया, जिससे ट्रेन का शीशा क्षतिग्रस्त हो गया. अब आरपीएफ उन लोगों की तलाश में जुट गई है, जिन्होंने इस ट्रेन पर पथराव किया.
वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन शुक्रवार सुबह गोरखपुर से लखनऊ जा रही थी. इसी दौरान मल्हौर रेलवे स्टेशन से गुजरते समय ट्रेन पर पथराव हो गया. इससे ट्रेन के कोच नंबर सी-3 थ्री का शीशा क्षतिग्रस्त हो गया. शीशा क्षतिग्रस्त होने से ट्रेन में सफर कर रहे यात्रियों में कुछ देर के लिए अफरा तफरी का माहौल पैदा हो गया. ट्रेन में गश्त कर रही आरपीएफ अब सीसीटीवी से पथराव करने वाले अराजक तत्वों की पहचान करके कार्रवाई करेगी. आरपीएफ इस ऑपरेशन में जुट भी गई है. गौरतलब है कि पिछली सात अगस्त को सफेदाबाद रेलवे स्टेशन के पास अराजक तत्वों ने ट्रेन पर पथराव कर दिया था. पथराव किए जाने से कोच के कई शीशे टूट गए थे. उस समय बताया गया कि अराजक तत्वों के पत्थर चलाने से कोच नंबर सी-2 के सीट नंबर तीन और चार के पास वाली खिड़की का शीशा टूटा था.
गौरतलब है कि सात जुलाई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गोरखपुर से लखनऊ के लिए इस वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन को हरी झंडी दिखाई थी. नौ जुलाई से ट्रेन का विधिवत संचालन शुरू हुआ था. यह ट्रेन सुबह गोरखपुर से लखनऊ के लिए रवाना होती है. शाम 7:15 बजे लखनऊ से वापस गोरखपुर जाती है. यात्रियों को ट्रेन काफी रास आ रही है. जब नौ जुलाई से गोरखपुर से लखनऊ के बीच वंदे भारत एक्सप्रेस का कॉमर्शियल रन शुरू हुआ तो दो दिन बाद ही 11 जुलाई को ट्रेन पर पत्थर बरसा दिए गए. पत्थरबाजी होने से ट्रेन का शीशा क्षतिग्रस्त हो गया और ऊपरी हिस्सा भी डैमेज हुआ था. राहत की बात रही थी कि पत्थरबाजी में किसी भी यात्री को चोट नहीं आई थी. ट्रेन पर पत्थर फेंके जाने की घटना अयोध्या से पहले सोहावल में हुई थी. पत्थरबाजी करने वाले अराजक तत्व पकड़े भी गए थे. घटना का जब खुलासा हुआ तो सामने आया था कि पत्थरबाज़ों की बकरियां वंदे भारत एक्सप्रेस से कट गई थीं, जिससे नाराज होकर यह पत्थरबाजी की गई थी. इस घटना में तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया था.
यहां भी हुईं पत्थरबाजी की घटनाएं :स्टोन पेल्टिंग की यह पहली घटना नहीं है. इससे पहले बीती 26 फरवरी को वंदे भारत एक्सप्रेस पर पत्थरबाजी हुई थी. यह घटना कृष्णराजपुरम और बेंगलुरु छावनी रेलवे स्टेशन के बीच हुई थी. आंध्र प्रदेश के तिरुपति जिले में अभी वंदे भारत एक्सप्रेस पर पथराव किया गया था. इसके अलावा केरल में भी वंदे भारत एक्सप्रेस पर पत्थरबाजी की गई थी. इससे पहले वंदे भारत एक्सप्रेस के E1 कोच पर पथराव किया गया था. यह ट्रेन दिल्ली से देहरादून जा रही थी. 18-19 जून को इस ट्रेन पर पत्थरबाजी की गई थी.