लखनऊ: 69000 सहायक शिक्षक भर्ती मामले की जांच के लिए स्पेशल टास्क फोर्स को आदेश दे दिए गए हैं. जांच के लिए एसटीएफ के एडिशनल एसपी रैंक के अधिकारी की अगुवाई में टीम का गठन कर दिया गया है. बता दें कि शिक्षक भर्ती परीक्षा में प्रश्न पत्र आउट होने और परीक्षा के टॉपर तक पर सवाल खड़े हुए थे. इस मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट में अपील दाखिल की गई थी. अब मामले में राज्य सरकार ने जांच के आदेश दे दिए हैं.
सभी परीक्षा केंद्रों की होगी जांच
लोक भवन में मीडिया से बातचीत के दौरान बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री सतीश द्विवेदी ने बताया कि 69,000 शिक्षक भर्ती घोटाला मामले में एक शिकायत प्रयागराज से मिली थी. इस शिकायत पर एसटीएफ ने मामले की जांच की. मामले की शुरुआती जांच में पता चला है कि एक परीक्षा केंद्र पर शामिल हुए सभी परीक्षार्थी उत्तीर्ण हुए हैं, इतना ही नहीं उन्होंने मेरिट में भी स्थान बनाया है. ऐसे में सभी परीक्षा केंद्रों की जांच की जाएगी.
'मामले को लेकर नहीं होनी चाहिए सियासत'
बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री सतीश द्विवेदी ने प्रेस कांफ्रेंस में बताया कि मामले में अभी तक 11 लोगों की गिरफ्तारी की जा चुकी है. प्रयागराज के जिन सेंटरों पर नकल हुई थी उनकी जांच की जाएगी. वहीं उन्होंने यह भी कहा कि मामले को लेकर सियायत नहीं होनी चाहिए.
'किसी भी दोषी को नहीं बख्शा जाएगा'
सरकार ने फैसला किया है कि 69,000 शिक्षक भर्ती के सभी परीक्षा केंद्रों में हुई परीक्षा की जांच कराई जाएगी. मौके पर मौजूद अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी ने भी बताया कि एसटीएफ ने अपनी जांच में जिन लोगों को पकड़ा है उनसे पूछताछ कर भर्ती में धांधली के सूत्र तलाशे जा रहे हैं. इसमें किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा.
'कुछ लोग कर रहे सरकार को बदनाम करने की कोशिश'
बेसिक शिक्षा मंत्री ने मंगलवार को बताया कि 69,000 शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया में सरकार ने तेजी से काम शुरू किया था, काउंसलिंग प्रक्रिया भी शुरू करा दी गई थी लेकिन कुछ ऐसे लोग जो योगी सरकार के अच्छे कार्यों में विघ्न पैदा करना चाहते हैं वह लगातार उन्हें बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं. कोरोनावायरस वैश्विक महामारी के दौर में जब चारों और संकट का वातावरण है ऐसे में योगी सरकार 69,000 शिक्षकों की भर्ती कर ऐतिहासिक कार्य कर रही है.
'सुप्रीम कोर्ट में सरकार अपना पक्ष प्रस्तुत करेगी'
उन्होंने बताया कि हाईकोर्ट ने काउंसलिंग प्रक्रिया पर रोक लगा दी थी. इस पर सरकार ने बेरोजगार युवाओं को ध्यान में रखकर हाइकोर्ट की डबल बेंच में अपील की. इस मामले में हाईकोर्ट ने अपना फैसला भी सुरक्षित किया है. इस बीच सुप्रीम कोर्ट ने शिक्षामित्रों की सीटों को आरक्षित करने के बारे में निर्देश दिया है, लेकिन इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में अब तक प्रदेश सरकार का पक्ष नहीं रखा गया है. सुप्रीम कोर्ट में सरकार अपना पक्ष प्रस्तुत करेगी और इसके बाद उम्मीद है कि भर्ती प्रक्रिया को शुरू किया जा सकेगा.
'काउंसलिंग के दौरान की जाएगी शैक्षिक या जाति प्रमाणपत्रों की जांच'
इस दौरान शिक्षक भर्ती की अतिंम सूची में तिवारी सरनेम वाले एक अभ्यर्थी को ओबीसी वर्ग में चयन मिलने के सवाल पर उन्होंने कहा कि जो सूची जारी की गई है वह आवेदन पत्र में दर्ज सूचना के आधार पर है. शैक्षिक या जाति आधार के प्रमाणपत्रों की जांच काउंसलिंग के दौरान की जाएगी.