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जीवन ज्योति अस्पताल के मालिक डॉक्टर बंसल की हत्या का एसटीएफ ने किया खुलासा - एसटीएफ के एडीजी अमिताभ यश

आलोक सिन्हा और दिलीप ने जेल के अंदर से ही डॉक्टर बंसल की हत्या की साजिश रची. दिलीप की डॉक्टर बंसल से जमीनी रंजिश चल रही थी. जेल में ही रची गई इस साजिश में अख्तर कटरा भी शामिल था. उसी ने भाड़े के तीन शूटर डॉक्टर बंसल की हत्या के लिए बुलाए थे.

डॉक्टर बंसल की हत्या का एसटीएफ ने किया खुलासा
डॉक्टर बंसल की हत्या का एसटीएफ ने किया खुलासा

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Published : Apr 5, 2021, 7:52 PM IST

लखनऊ :प्रयागराज के बहुचर्चित जीवन ज्योति अस्पताल के मालिक डॉक्टर अश्वनी कुमार बंसल की हत्या का सोमवार को एसटीएफ उत्तर प्रदेश ने खुलासा कर दिया. यह हत्या 12 जनवरी 2017 को हुई थी. डॉक्टर बंसल की हत्या के आरोपी शोएब को एसटीएफ ने गिरफ्तार कर लिया है. उसके साथी शूटर शोएब पर प्रतापगढ़ ने ₹50,000 का इनाम घोषित है.

डॉक्टर बंसल की हत्या का एसटीएफ ने किया खुलासा

70 लाख में तय की गई थी बंसल की हत्या

एसटीएफ की पूछताछ में शोएब ने बताया कि डॉक्टर बंसल की हत्या के लिए पूरी साजिश जेल से रची गई थी. इसमें आलोक सिन्हा, दिलीप मिश्रा, अशरफ उर्फ अख्तर कटरा शामिल थे. वहीं, जेल के बाहर मकसूद, यासिर और उससे संपर्क किया गया. हत्या करने की एवज में 70 लाख की रकम तय की गई. इसमें 15 लाख एडवांस में और काम के बाद 55 लाख दिए जाने की बात कही गई. यह हत्या 12 जनवरी 2017 को शाम 7 बजे जीवन ज्योति अस्पताल में हुई. इसके बाद से ही हत्या के खुलासे के लिए एसटीएफ को लगाया गया था.

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किस तरह हुई हत्या
जीवन ज्योति अस्पताल के मालिक डॉक्टर एके बंसल की हत्या मकसूद, यासिर और शोएब ने मिलकर की थी. एसटीएफ ने शोएब को गिरफ्तार किया तो उसने बताया की हत्या के लिए 70 लाख में हत्या का ठेका तय था. वह लोग 12 जनवरी 2017 को मोटरसाइकिल से जीवन ज्योति अस्पताल पहुंचे. मकसूद गाड़ी चला रहा था. शोएब और यशीर ने डॉक्टर बंसल के चेंबर में जाकर अपने-अपने पिस्टल से गोली मारकर उनकी हत्या की. फिर मोटरसाइकिल से फरार हो गए. हालांकि मकसूद और यासिर के बीच पैसे को लेकर झगड़ा हो गया था. इसके बाद अबरार मुल्लाह के कहने पर शोएब और मकसूद ने यासिर की हत्या कर दी जिसमें मकसूद पकड़ा गया लेकिन इसमें मेरा शोएब का नाम नहीं आया.


50 हजार का इनामी है शोएब
जनपद प्रतापगढ़ में दर्जन भर से ज्यादा मुकदमों में वांछित शोएब के पर 50 हजार का इनाम घोषित था. वहीं, यह पूरा गैंग फ्रैक्चर गैंग के नाम से मशहूर था. यासिर, मकसूद और स्वयं प्रतापगढ़ के ही रहने वाले हैं. यह रंगदारी मांगते थे. जो रंगदारी नहीं देते, उसके हाथ-पैर तोड़ देते थे. वहीं, पेड़ों पर निशाने की प्रैक्टिस भी करते थे. इस दौरान पेड़ों पर गोलियों से 1090 का निशान भी बनाया था. उन्होंने निशाना बनाने के लिए बेजुबान जानवरों को भी खूब मारा.

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4 सालों से हत्या के खुलासे के लिए लगी थी एसटीएफ
एसटीएफ के एडीजी अमिताभ यश ने बताया कि इस बहुचर्चित हत्या के खुलासे के लिए पिछले 4 सालों से उनकी टीम काम कर रही थी. कहा कि पटना का रहने वाला आलोक सिन्हा एक फ्रॉड था. उसने डॉक्टर बंसल से 55 लाख लेकर उसके बेटे का एमबीबीएस में दाखिला कराने का ठेका लिया था लेकिन वह एडमिशन नहीं करा पाया. फिर डॉक्टर बंसल ने आलोक के खिलाफ मुकदमा लिखवा कर जेल भिजवा दिया. जेल में बंद दिलीप मिश्रा से डॉक्टर बंसल की दुश्मनी थी.

जेल के अंदर रची गई थी डॉक्टर बंसल की हत्या की साजिश

आलोक सिन्हा और दिलीप ने जेल के अंदर से ही डॉक्टर बंसल की हत्या की साजिश रची. दिलीप की डॉक्टर बंसल से जमीनी रंजिश चल रही थी. जेल में ही रची गई इस साजिश में अख्तर कटरा भी शामिल था. उसी ने भाड़े के तीन शूटर डॉक्टर बंसल की हत्या के लिए बुलाए थे. वहीं शोएब के गैंग द्वारा डॉ. प्रभात, चुनमुन पांडे जैसी बड़ी हत्याएं की गईं तो कई और आपराधिक घटनाओं को भी इन लोगों ने अंजाम दिया.

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